
ICC Board Meeting Transgender Law : आईसीसी बोर्ड ने मंगलार को मीटिंग में उन क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो ‘मेल प्यूबर्टी' (पुरुषों में किशोरावस्था में होने वाला शारीरिक/लैंगिक बदलाव) हासिल कर चुके हैं. आईसीसी बोर्ड ने खेल के हितधारकों के बातचीत के बाद अंतरराष्ट्रीय खेल के लिए नए लिंग पात्रता नियमों को मंजूरी देते हुए महिला ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया है. इस नियम की दो साल के अंदर समीक्षा की जाएगी.
आईसीसी के फैसले का असर, डेनिएल मैकगेही पर होगा, जो इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर खिलाड़ी बनीं थीं. डेनिएल मैकगेही मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया की हैं, लेकिन 2020 में कनाडा चली गईं और 2021 में पुरुष से महिला बनीं. सितंबर 2023 में उन्होंने महिला टी20 अमेरिका क्वालीफायर में कनाडा के लिए मुकाबला खेला था.
आईसीसी के नए नियमों के तहत कोई भी पुरुष से महिला खिलाड़ी (ट्रांसजेंडर महिला खिलाड़ी या सेक्स चेंज करवाकर महिला बने पुरुष) जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला मैचों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी, फिर चाहें उन्होंने किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार का सहारा लिया हो. आईसीसी का नया नियम महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन को बनाए रखने को लेकर उठाया गया है.
मंगलवार को आईसीसी की जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह फैसला डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है. आईसीसी का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय महिला मैचों पर ही लागू होगा. जबकि सदस्य बोर्ड घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता को लेकर क्या फैसला लेते हैं, यह उन पर निर्भर करेगा.
आईसीसी की प्रेस रिलीज के अनुसार, आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ अलार्डिस ने इस मामले पर कहा,"लिंग पात्रता नियमों में बदलाव बहुत विचार-विमर्श के बाद किया गया है और यह विज्ञान पर आधारित है और समीक्षा के दौरान विकसित मूल सिद्धांतों के अनुरूप है. एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतरराष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था."
इसके अलावा आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की कमेटी ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच फीस को एक समान रखने का फैसला लिया है. इसके अलावा आईसीसी बोर्ड ने जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप सीरीज में एक तटस्थ अंपायर रखने का फैसला लिया है.
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