भारत को कई बार अपने संयम से मुश्किल हालात से बाहर निकालने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि अन्य लोगों की तरह उन्हें भी दबाव महसूस होता है, लेकिन वह इस स्थिति से बाहर निकल जाते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि संभावित मुश्किल हालात से कैसे निपटना है।
धोनी की नाबाद 45 रन की पारी की मदद से भारत कल वाका में विश्वकप के पूल मैच में वेस्टइंडीज को चार विकेट से हराने में सफल रहा।
धोनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘सभी को लगता है कि मुझे दबाव महसूस नहीं होता। मुझे भी किसी अन्य की तरह दबाव महसूस होता है। बात सिर्फ इतनी सी है कि मैं कई बार ऐसी स्थिति का सामना कर चुका हूं इसलिए मुझे पता है कि इस स्थिति से बाहर कैसे निकलना है। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मैं हमेशा सफल रहूं। लेकिन जब आपको इससे निपटने का तरीका पता होता है तो यह आसान हो जाता है।’’
आक्रामक बल्लेबाज के रूप में शुरुआत करने वाले धोनी के खेल में पिछले एक दशक में काफी सुधार आया है और वह सीमित ओवर के क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘2006 के पाकिस्तान दौरे के बाद मेरी बल्लेबाजी में काफी सुधार हुआ। इसके बाद मैंने लगातार निचले क्रम में बल्लेबाजी की। मेरा स्थान 30 ओवर के बाद है। मुझे समय की मांग के अनुसार खेलना होता है। कई बार ऐसा होता है कि हम पहले बल्लेबाजी करते हैं और मुझे बड़े शाट खेलने पड़ते हैं। जबकि लक्ष्य का पीछा करते हुए मेरी भूमिका तेजी से रन बनाने या फिर पारी को स्थिरता देने की होती है।’’
लंबे समय के बाद धोनी ने अपनी बल्लेबाजी पर बात की और कल शीर्ष क्रम के पूरी तरह से विफल रहने के बाद टीम को जिस मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ा उस पर भी चर्चा की। धोनी ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए अच्छा है कि निचले मध्य क्रम को बल्लेबाजी का मौका मिला क्योंकि आप रन बनाते रहना चाहते हो। कैसा भी मौका मिले आप हमेशा सोचते हो कि कुछ और रन बने तो बेहतर रहेगा। यह अच्छा मौका था क्योंकि कुछ दबाव था।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैं जिस स्थान पर बल्लेबाजी करता हूं आम तौर पर वहां दबाव होता है। पहले बल्लेबाजी करते हुए या तो अंतिम पांच से सात ओवर बचे होते हैं या वेस्टइंडीज मैच जैसी स्थिति होती है, लक्ष्य का पीछा करने का दबाव। यह वास्तविक स्थिति है, मुझे हर हाल में निचले क्रम के साथ साझेदारी करनी होती है।’’
धोनी ने कहा, ‘‘मैंने (रविचंद्रन) अश्विन के साथ साझेदारी की। नतीजा अच्छा रहा। अच्छी चीज यह है कि छठे और सातवें स्थान पर आम तौर पर दो विशेष भूमिकाएं होती हैं। शीर्ष क्रम ने अच्छी शुरुआत दी है तो मैदान पर उतरकर तेजी से रन बटोरो या फिर शीर्ष क्रम के आउट होने के बाद पारी को संभालो।’’
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