
भारत के साल 2011 विश्व कप जीतने के बाद जो एक फैसला अभी तक अक्सर डिबेट का विषय बन जाता है, या जिसकी मिसाल दी जाती है, वह है श्रीलंका के खिलाफ युवराज सिंह से पहले कप्तान धोनी का बैटिंग के लिए आना. और यह फैसला गेम-चेंजर साबित हुआ. मुथैया मुरलीधरन के चैलेंज के बारे में जानते हुए धोनी ने कोच गैरी कर्स्टन से कहा कि वह बैटिंग ऑर्डर में खुद को प्रमोट करना चाहते हैं. और इसके बाद आप जानते हैं कि सबकुछ इतिहास है. अब करीब एक दशक बाद मुरलीधरन ने बताया कि उस दिन धोनी ने ऐसा फैसला क्यों लिया और उन्होंने इस दिन क्या किया.
World Cup 2023 के शेड्यूल के जारी करने वाले दिन मुरलीधरन ने खुलासा करते हुए कहा कि वह पहले से जानते थे कि धोनी खुद को ऑर्डर में प्रोन्नत करेंगे क्योंकि उनके पास मुझे आईपीएल में खेलने का अनुभव था. उन्होंने कहा कि मैं जानता था क्योंकि युवराज सिंह मेरे खिलाफ सहज नहीं थे. हालांकि, उस समय वह विश्व कप में मिड्ल ऑर्डर और नंबर चार पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे. मैं जानता था क्योंकि आईपीएल के दौरान मैं धोनी के खिलाफ नेट पर बहुत ज्यादा बॉलिंग कर रहा था.
मुरली बोले कि इसलिए धोनी जानते थे कि धोनी को मुझे अच्छी तरह कैसे खेलना है. मैंने सोचा कि वह मुझे और विकेट नहीं देना चाहता क्योंकि अच्छी गेंदबाजी करने के बावजूद मुझे विकेट नहीं मिला था. उन्होंने कहा कि नेट पर मुझे काफी खेलने के बाद धोनी ने फाइनल में मेरे चैलेंज का बखूबी से सामना किया. अपने समय के महान ऑफी ने कहा कि उस समय मैच में खासी ओस थी और हम गेंद को ज्यादा नहीं घुमा सकते थे. दूसरे छोर पर गंभीर थे और हम उनका विकेट लेने में कामयाब रहे.
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