Gautam Gambhir on unfair' rule in white-ball cricket: भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने ICC से सीमित प्रारूपों में दो नयी गेंद के नियम पर फिर से विचार करने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह अंगुली के स्पिनरों के लिए "अनुचित" है.आईसीसी ने अक्टूबर 2011 में एकदिवसीय मैचों में यह विशेष नियम लागू किया था. गंभीर ने यहां ‘इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स' के ‘राइज टू लीडरशिप' ‘टॉक शो' के दौरान कहा, "एक चीज जो मैं निश्चित रूप से बदलना चाहूंगा वह है सफेद गेंद वाले प्रारूप में दो नयी गेंदों का उपयोग" कई विशेषज्ञों का मानना है कि दो नई गेंदों के उपयोग से अंगुली के स्पिनरों को नुकसान होता है और तेज गेंदबाजों के लिए रिवर्स स्विंग की संभावना कम हो जाती.
राहुल द्रविड़ के बाद भारतीय टीम के कोच बनने की दौड़ में आगे चल रहे गंभीर ने कहा, "यह अंगुली के स्पिनरों के लिए बहुत अनुचित है, इसीलिए वे अब सीमित ओवर में पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेल पा रहे है. यह सही नहीं है" गंभीर ने नियम की कमियों पर चर्चा करते हुए कहा कि "यह उंगली के स्पिनरों के लिए नुकसानदेह है क्योंकि यह उनके साथ अन्याय है. मुझे नहीं पता कि स्पिरिटि ऑफ क्रिकेट क्या कहती है. क्योंकि हर कोई खेल की सही भावना के साथ खेलता है. अगर नियम हैं, तो वैसे भी खेल की भावना है. लेकिन एक चीज जिसे मैं निश्चित रूप से बदलना चाहूंगा, वह है दो नई गेंदों से छुटकारा पाना."
"गंभीर ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान इस बारे में अपनी राय दी और कहा, "विशेष रूप से सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में क्योंकि यह उंगली के स्पिनर के साथ बहुत ही अन्याय है, फिंगर स्पिनर के लिए यह बहुत अनुचित है कि वह पर्याप्त मात्रा में सफेद गेंद वाली क्रिकेट न खेल पाए, क्योंकि उनके लिए कुछ नहीं है. यह सही नहीं है."
आईसीसी का काम यह सुनिश्चित करना है कि अपने कौशल के साथ हर किसी को अपनी प्रतिभा दिखाने का समान अवसर मिले, लेकिन जब आप खिलाड़ियों के एक निश्चित वर्ग से वह प्रतिभा छीन लेते हैं, तो यह बहुत अनुचित है. आज, आप शायद ही किसी फिंगर स्पिनर को सफेद गेंद वाली क्रिकेट खेलते हुए देखते हैं.. क्यों? इसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, बल्कि आईसीसी को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए. मेरे लिए, एक चीज जिससे मैं छुटकारा पाना चाहता हूं, वह है दो नई गेंदें , क्योंकि इससे बल्ले और गेंद के बीच मुकाबला और भी अधिक समान हो जाता है.
" गंभीर ने कहा, "अब रिवर्स स्विंग नहीं है.. फिंगर स्पिनर या बाएं हाथ के स्पिनर के लिए कुछ नहीं है. इसलिए यह एक ऐसी चीज है जिसे मैं बदलना चाहता हूं, और उम्मीद है कि यह बहुत जल्द बदल जाएगा क्योंकि हमें बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है."
बता दें कि गंभीर के "मेंटोर" रहते कोलकाता नाइट राइडर्स ने हाल ही में आईपीएल का तीसरा खिताब जीता. उन्होंने कहा, "आईसीसी का काम यह सुनिश्चित करना है कि हर किसी को प्रतिभा दिखाने का समान अवसर मिले अब वह, चाहे वह अंगुली के स्पिनर हो, तेज गेंदबाज हो, कलाई का स्पिनर हो या बल्लेबाज हो".
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