..आखिर बीसीसीआई को मिल ही गया लोकपाल, कोर्ट अधिकारी ने की हार्दिक व राहुल को लेकर अहम टिप्पणी

..आखिर बीसीसीआई को मिल ही गया लोकपाल, कोर्ट अधिकारी ने की हार्दिक व राहुल को लेकर अहम टिप्पणी

बीसीसीआई का लोगो

खास बातें

  • न्यायमित्र ने भेजी थी पीठ को छह न्यायधीशों की सूची
  • न्यायधीश डीके जैन होंगे बीसीसीआई के लोकपाल
  • एसोसिएशनों के खिलाड़ियों से जुड़े मुद्दे भी सुलझागा लोकपाल
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (#Supremecourt) ने बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डी के जैन को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई, #BCCI) का प्रथम लोकपाल नियुक्त किया न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा कि हमें खुशी है कि पक्षकारों की सहमति और सुझावों के माध्यम से बीसीसीआई (#BCCI) का लोकपाल बनाने के लिए न्यायमूर्ति डीके जैन के नाम पर सहमति हो गई है. और इसके अनुसार हम न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) को बीसीसीआई (#BCCI) का प्रथम लोकपाल नियुक्त करते हैं. लोकपाल पद को लेकर पिछले कई महीनों से बीसीसीआई में गहमागमी चल रही थी. इसी दौरान न्यायमित्र (न्यायधीशों की सूची पीठ को भेजने वाले अधिकारी) नरसिम्हा ने साफ कहा कि अगर लोकपाल की नियुक्ति पहले हो गई होती, तो हार्दिक पंड्या और केएल राहुल का मामला इतना लंबा न खिंचता.

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिए पीठ के समक्ष सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के छह सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम पेश किए गए थे. इनमें न्यायमूर्ति जैन पहली पसंद थे पीठ ने जब यह कहा कि सूची में न्यायमूर्ति जैन का अच्छा नाम है, विभिन्न पक्षों के लिए पेश वकीलों ने इस सुझाव को स्वीकार किया. इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे पी एस नरसिम्हा ने लोकपाल पद के लिए संभावित नामों की सूची पीठ को उपलबध करायी थी.

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पीठ को बताया गया कि लोकपाल की भूमिका राज्य क्रिकेट एसोसिएशनों में खिलाड़ियों से संबंधित विवादों और वित्तीय मसलों को सुलझाने की होगी. शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त, 2018 को अपने फैसले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लिये लोकपाल नियुक्त करने की सिफारिश की थी. नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि यदि बोर्ड में पहले से लोकपाल होता तो हाल ही में दो खिलाड़ियों हार्दिक पंड्या और केएल राहुल से जुड़ा विवाद प्राथमिकता के आधार पर सुलझा लिया गया होता

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बात का मतलब यह भी है कि हो लोकपाल होने की सूरत में हो सकता था कि हार्तिक और केएल राहुल को इतना ज्यादा मैचों का नुकसान न होता. वजह यह है कि लोकपाल संविधान के तहत कार्रवाई करता. यह चर्चा खूब रही थी कि हार्दिक और केएल राहुल को जरूरत से ज्यादा सजा मिली