कप्तान इयोन मोर्गन को मैन ऑफ द मैच चुना गया
लीड्स:
बेहतरीन फॉर्म में चल रहे इयोन मोर्गन की कप्तानी पारी से इंग्लैंड ने चौथे वनडे मुकाबले में शुक्रवार को लीड्स के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा दिया। इंग्लैंड की इस जीत के साथ ही पांच मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 2-2 से बराबर पर पहुंच गई।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन वह ग्लेन मैक्सवेल (85) और जार्ज बेली (75) के बीच चौथे विकेट के लिए 137 रन तथा विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड (नाबाद 50) और जान हेस्टिंग्स (नाबाद 34) के बीच आठवें विकेट के लिए 84 रन की अटूट साझेदारी की मदद से सात विकेट पर 299 रन बनाने में सफल रहा।
इंग्लैंड का स्कोर भी एक समय तीन विकेट पर 89 रन था, लेकिन मोर्गन ने 92 रन की बेहतरीन पारी खेली। उनके अलावा जेम्स टेलर (41), बेन स्टोक्स (41), जैसन राय (36) और जानी बेयरस्टॉ (31) ने भी उपयोगी योगदान दिया, जिससे इंग्लैंड सात विकेट पर 304 रन बनाकर सीरीज में शानदार वापसी करने में सफल रहा।
पैट कमिन्स (49 रन देकर चार विकेट) और मैक्सवेल ने कुछ शानदार कैच लेकर ऑस्ट्रेलिया की उम्मीद बनाए रखी लेकिन मोइन अली (नाबाद 21) और लियाम प्लंकेट (17) की पारियों से इंग्लैंड आखिर में 48.2 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहा। डेविड विली (नाबाद 12) ने विजयी छक्का लगाया।
इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने दूसरे ओवर में ही एलेक्स हेल्स (शून्य) का विकेट गंवा दिया। टेलर और राय ने हालांकि इसके बाद दूसरे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की लेकिन दोनों खिलाड़ी 16 रन के अंदर आउट हो गए। मोर्गन ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने स्टोक्स के साथ चौथे विकेट के लिए 91 और बेयरस्टॉ के साथ पांचवें विकेट के लिए 58 रन की साझेदारियां की। जब लग रहा था कि वह शतक जड़ने में सफल रहेंगे, तब कमिन्स की गेंद पर मैक्सवेल ने एक हाथ से उनका खूबसूरत कैच लपककर ऑस्ट्रेलिया को वापसी दिलाई। मोर्गन ने आठ चौके और दो छक्के लगाए।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज डेविड विली (51 रन देकर तीन विकेट) ने इंग्लैंड को शानदार शुरुआत दिलाई। उन्होंने जो बर्न्स (दो), कप्तान स्टीवन स्मिथ (पांच) और एरोन फिंच (15) को पहले नौ ओवरों में पवेलियन भेजकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तीन विकेट पर 30 रन कर दिया।
अगर इंग्लैंड की फील्डिंग अच्छी रहती और मैक्सवेल के दो कैच नहीं छूटते तो स्थिति और भी बुरी हो सकती थी। मैक्सवेल ने इन जीवनदान का फायदा उठाकर अच्छी पारी खेली। उन्होंने मोइन अली (40 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 64 गेंद की अपनी पारी में दस चौके और दो छक्के लगाए।
बेली ने विकेट बचाए रखने को तरजीह दी और सधी हुई पारी खेली। प्लंकेट (47 रन देकर दो विकेट) ने तीन गेंद के अंदर मिशेल मार्श (17) और बेली को आउट करके इंग्लैंड को फिर से वापसी दिलाई। मोईन ने अपना पहला वनडे खेल रहे मार्कस स्टोनिस (चार) को आते ही पवेलियन की राह दिखा दी, जिससे स्कोर चार विकेट पर 210 रन से सात विकेट पर 215 रन हो गया।
वेड और हेस्टिंग्स ने डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचने दिया। वेड ने अपनी पारी में तीन चौके और इतने ही छक्के लगाए। उन्होंने मार्क वुड के पारी के आखिरी ओवर में दो छक्के और फिर एक रन लेकर वनडे में अपना सातवां अर्धशतक पूरा किया। हेस्टिंग्स ने भी 26 गेंदों का सामना किया और तीन चौके और दो छक्के लगाए।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन वह ग्लेन मैक्सवेल (85) और जार्ज बेली (75) के बीच चौथे विकेट के लिए 137 रन तथा विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड (नाबाद 50) और जान हेस्टिंग्स (नाबाद 34) के बीच आठवें विकेट के लिए 84 रन की अटूट साझेदारी की मदद से सात विकेट पर 299 रन बनाने में सफल रहा।
इंग्लैंड का स्कोर भी एक समय तीन विकेट पर 89 रन था, लेकिन मोर्गन ने 92 रन की बेहतरीन पारी खेली। उनके अलावा जेम्स टेलर (41), बेन स्टोक्स (41), जैसन राय (36) और जानी बेयरस्टॉ (31) ने भी उपयोगी योगदान दिया, जिससे इंग्लैंड सात विकेट पर 304 रन बनाकर सीरीज में शानदार वापसी करने में सफल रहा।
पैट कमिन्स (49 रन देकर चार विकेट) और मैक्सवेल ने कुछ शानदार कैच लेकर ऑस्ट्रेलिया की उम्मीद बनाए रखी लेकिन मोइन अली (नाबाद 21) और लियाम प्लंकेट (17) की पारियों से इंग्लैंड आखिर में 48.2 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहा। डेविड विली (नाबाद 12) ने विजयी छक्का लगाया।
इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने दूसरे ओवर में ही एलेक्स हेल्स (शून्य) का विकेट गंवा दिया। टेलर और राय ने हालांकि इसके बाद दूसरे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की लेकिन दोनों खिलाड़ी 16 रन के अंदर आउट हो गए। मोर्गन ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने स्टोक्स के साथ चौथे विकेट के लिए 91 और बेयरस्टॉ के साथ पांचवें विकेट के लिए 58 रन की साझेदारियां की। जब लग रहा था कि वह शतक जड़ने में सफल रहेंगे, तब कमिन्स की गेंद पर मैक्सवेल ने एक हाथ से उनका खूबसूरत कैच लपककर ऑस्ट्रेलिया को वापसी दिलाई। मोर्गन ने आठ चौके और दो छक्के लगाए।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज डेविड विली (51 रन देकर तीन विकेट) ने इंग्लैंड को शानदार शुरुआत दिलाई। उन्होंने जो बर्न्स (दो), कप्तान स्टीवन स्मिथ (पांच) और एरोन फिंच (15) को पहले नौ ओवरों में पवेलियन भेजकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तीन विकेट पर 30 रन कर दिया।
अगर इंग्लैंड की फील्डिंग अच्छी रहती और मैक्सवेल के दो कैच नहीं छूटते तो स्थिति और भी बुरी हो सकती थी। मैक्सवेल ने इन जीवनदान का फायदा उठाकर अच्छी पारी खेली। उन्होंने मोइन अली (40 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 64 गेंद की अपनी पारी में दस चौके और दो छक्के लगाए।
बेली ने विकेट बचाए रखने को तरजीह दी और सधी हुई पारी खेली। प्लंकेट (47 रन देकर दो विकेट) ने तीन गेंद के अंदर मिशेल मार्श (17) और बेली को आउट करके इंग्लैंड को फिर से वापसी दिलाई। मोईन ने अपना पहला वनडे खेल रहे मार्कस स्टोनिस (चार) को आते ही पवेलियन की राह दिखा दी, जिससे स्कोर चार विकेट पर 210 रन से सात विकेट पर 215 रन हो गया।
वेड और हेस्टिंग्स ने डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचने दिया। वेड ने अपनी पारी में तीन चौके और इतने ही छक्के लगाए। उन्होंने मार्क वुड के पारी के आखिरी ओवर में दो छक्के और फिर एक रन लेकर वनडे में अपना सातवां अर्धशतक पूरा किया। हेस्टिंग्स ने भी 26 गेंदों का सामना किया और तीन चौके और दो छक्के लगाए।