ENG vs IND 5th Test: रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के कोविड-10 से संक्रमित होने के कारण पांचवें टेस्ट से बाहर होने के बाद सेलेक्टरों ने जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को शुरू हुए अधूरी सीरीज के पांचवें और आखिरी टेस्ट में कप्तान बनाया जरू, लेकिन इससे पूर्व ओपनर और समीक्षक वसीम जाफर बिल्कुल भी खुश नहीं हैं. ध्यान दिला दें कि यह करीब साल 1987 में कपिल देव के बाद यह पहला मौक है, जब कोई तेज गेंदबाज भारतीय टीम की कप्तानी कर रहा है. देखने की बात होगी कि मैच के बाद बुमराह की कप्तानी को लेकर जाफर की कैसी राय बनती है, लेकिन जाफर ने जो तर्क रखा है, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.
वसीम जाफर ने एक वेबसाइट से बातचीत में अपनी बात को सही बताते हुए कहा कि पुजारा को फिर से निर्धारित किए इस टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा को कप्तान नियुक्त करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पुजारा को प्रथण श्रेणी क्रिकेट में कप्तानी करने का खासा अनुभव है. और वह एक अच्छे लीडर हैं. जाफर ने यह भी कहा कि सौराष्ट्र का यह क्रिकेट पहले से ही भारत के लिए 95 टेस्ट मैच खेल चुका है. जो पुजारा के कप्तान बनने के लिए काफी है.
उन्होंने कहा कि मैं पुजारा को प्रथम-श्रेणी क्रिकेट में कप्तानी करते हुए देख चुका हैं. वह अच्छे कप्तान हैं. उन्होंने 90 के आस-पास टेस्ट मैच खेले हैं. ऐसे में मैं महसूस करता हूं कि पुजारा के साथ बतौर कप्तान इस मैच में ज्यादा एक ज्यादा समझदारी भरी बात होती. जाफर बोले कि पिछली बार बुमराह उप-कप्तान थे, तो ऐसे में उनका कप्तान बनाना स्वाभाविक बात थी,क लेकिन मैच और सीरीज के महत्व को देखते हुए मैं होता, तो पुजारा को ही कप्तान बनाता. बुमराह ने बिल्कुल भी कप्तानी नहीं की है. बिना किसी अनुभव के इस महत्वपूर्ण टेस्ट में उनका कप्तानी करने का मतलब है कि पता नहीं आगे क्या हो. हालांकि, बुमराह बुद्धिमान दिखते हैं. उनके पास बेहतरीन समझ भी है और वह हार्दिक पांड्या की तरह हमें चौंका सकते हैं
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