यह ख़बर 07 अप्रैल, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सिर्फ युवराज को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए : पिता योगराज

चंडीगढ़:

युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने अपने बेटे के बचाव में कहा कि इस बायें हाथ के बल्लेबाज को भारत की आईसीसी विश्व टी-20 फाइनल में ढाका में कल मिली हार के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए जो 21 गेंद में 11 रन बनाकर जूझ रहे थे।

योगराज से जब पूछा गया कि क्या उनके बेटे द्वारा 21 गेंद खेलना ही भारत के श्रीलंका से मीरपुर में हारने का मुख्य कारण था तो उन्होंने कहा, 'युवरज को ही अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।' विराट कोहली ने फिर एक शानदार पारी खेलते हुए टूर्नामेंट में अपना चौथा अर्द्धशतक जड़ा, लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाजों ने जूझ रहे युवराज पर शिकंजा कसा जिससे स्कोरिंग गति पर काफी असर पड़ा। वह पूरी तरह से खराब फार्म में दिख रहे थे जिससे दूसरी छोर पर फार्म में चल रहा बल्लेबाज भी हताश हो गया। अंतिम चार ओवर में केवल 19 रन बने क्योंकि युवराज बड़े हिट लगाने में असफल रहे।

योगराज ने कहा कि जब एक टीम हारती है तो चारों ओर काफी आलोचना होती है। उन्होंने कहा, 'जब हम हारते हैं चारों ओर से आलोचना होती है। उतार-चढ़ाव जिंदगी का हिस्सा होते हैं और यह इस मैच का भी हिस्सा था।'

हाल के दिनों में युवराज खराब फार्म से गुजर रहे हैं, इस पर योगराज ने कहा, 'जब एक खिलाड़ी खराब दौर से गुजरता है तो दिमागी हालत ऐसी बन जाती है कि वह यह सोचना शुरू कर देता है कि अगर वह रन नहीं बना पाता तो वह टीम से बाहर हो जाएगा या फिर टीम हार जाएगी।' योगराज ने कहा कि खेल के लिए खिलाड़ी की खेल भावना ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।

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उन्होंने कहा, 'जब वेस्टइंडीज 1983 विश्व कप में भारत से हार गया था तो सर विव रिचर्ड्स भारतीय ड्रेसिंग रूम में गए थे और उन्होंने टीम को बधाई दी थी और कहा था कि उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और वे जीत के हकदार थे।' उन्हें लगता है कि युवराज को अधिक से अधिक घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए।