डीडीसीए ने प्रशासक की नियुक्ति का विरोध किया, कहा- ऐसा 'बीमार' कंपनियों में होता है

डीडीसीए ने प्रशासक की नियुक्ति का विरोध किया, कहा- ऐसा 'बीमार' कंपनियों में होता है

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अपने मामलों को देखने के लिए किसी व्यक्ति या समिति की नियुक्ति का मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध करते हुए कहा कि वह कंपनी है और इस तरह के प्रशासकों की नियुक्ति ‘बीमार’ कंपनियों में होती है.

डीडीसीए ने कोर्ट से कहा कि उसके संचालन की निगरानी के लिए पहले ही कंपनी एक्ट के तहत प्रक्रिया मौजूद है और किसी प्रशासक की नियुक्ति नहीं की जा सकती.

डीडीसीए के संचालन में कथित अनियमितताओं के बाद उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति का गठन किया था. क्रिकेट संस्था में ‘भाई भतीजावाद’ का आरोप लगाते हुए दिल्ली सरकार ने डीडीसीए के रोजमर्रा के कार्यों पर नजर रखने के लिए समिति के गठन की मांग की थी.

कोर्ट ने कहा था कि अगले चुनावों से पहले सुधारवादी कदम उठाने की जरूरत है. अदालत ने साथ ही कहा कि मौजूदा इंतजाम जिनके तहत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल डीडीसीए का संचालन देख रहे हैं वह इस मामले में आदेश दिए जाने तक जारी रहेंगे.

इस बीच डीडीसीए ने कहा है कि उसके पदाधिकारियों का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है और चुनाव कराने के लिए वह पहले ही निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति कर चुका है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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