भारतीय बल्लेबाजी के आगे बांग्लादेशी गेंदबाजी की असली परीक्षा होगी (फाइल फोटो)
बर्मिंघम:
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में बर्मिंघम में गुरुवार को टीम इंडिया का मुकाबला बांग्लादेश की टीम से होना है. कागज पर टीम इंडिया को काफी मजबूत माना जा रहा है. क्रिकेट विशेषज्ञों और भारतीय फैंस को उम्मीद है कि विराट कोहली की टीम इस मैच में जीत दर्ज कर टूर्नामेंट में फाइनल में स्थान बनाने में सफल रहेगी.
बांग्लादेश के लिहाज से बात करें तो इस सेमीफाइनल मैच में उसके पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है. ऐसे में मशरफे मुर्तजा की टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अप्रत्याशित परिणाम देने की पूरी कोशिश करेगी. भारतीय टीम ऐसे में बांग्लादेश को कमजोर आंकने की गलती नहीं कर सकती. बांग्लादेश ने जिस तरह से हर किसी को चौंकाते हुए सेमीफाइनल में स्थान बनाया है, ऐसे में उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. नजर डालते हैं दोनों टीमों के मजबूत और कमजोर पक्ष पर...
विराट ब्रिगेड में है बल्लेबाजों की भरमार
मजबूत पक्ष : बल्लेबाजी निश्चित रूप से टीम इंडिया का सबसे मजबूत पक्ष है. रोहित शर्मा और शिखर धवन की प्रारंभिक जोड़ी टूर्नामेंट में अब तक शानदार बल्लेबाजी कर रही है. कप्तान विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह का बल्ले से प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. हार्दिक पटेल ने लंबे समय से चली आ रही ऑलराउंडर की कमी को अच्छी तरह से पूरा किया है. कल के मैच में बांग्लादेशी गेंदबाजों के लिए भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है.
लंबे समय से गेंदबाजी को भारत का कमजोर पक्ष माना जाता रहा है, लेकिन मौजूदा टीम इस लिहाज से भी संतुलित है. तेज गेंदबाजी में भारत के पास भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे बेहतरीन गेंदबाज है. स्पिन डिपार्टमेंट में रविचंद्रन अश्चिन और रवींद्र जडेजा बल्लेबाजों की कठिन परीक्षा लेते हैं. हरफनमौला हार्दिक पांड्या ने भी अपनी गेंदबाजी प्रतिभा से अब तक न्याय किया है.
कमजोर पक्ष : श्रीलंका के खिलाफ मैच में टीम इंडिया को कमजोर फील्डिंग और खराब गेंदबाजी का खामियाजा हार के रूप में चुकाना पड़ा. टीम के चुस्त क्षेत्ररक्षकों में शुमार हार्दिक पांड्या ने भी पिछले दो मैचों में अपनी गेंदबाजी में कैच छोड़े हैं. ग्राउंड फील्डिंग भी कई बेहद अच्छे तो कभी बेहद खराब रहती है.
मुर्तजा के बल्लेबाज भी कर रहे बेहतरीन प्रदर्शन
मजबूत पक्ष : न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. इस मैच में शाकिब अल हसन और महमुदुल्लाह ने शतक जमाए और टीम को जीत दिलाई. ओपनर तमीम इकबाल भी बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे हैं. बांग्लादेश के लिहाज से इस तिकड़ी पर ही बल्लेबाजी का दारोमदार होगा. वैसे, इस टीम में मुशफिकुर रहीम और सौम्य सरकार भी अच्छे बल्लेबाज हैं. बांग्लादेश की सबसे बड़ी खूबी यह है कि विकेट गिरने के बावजूद यह आक्रामक रवैया बरकरार रखती है.
कमजोर पक्ष: बांग्लादेश टीम के प्रमुख गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान हैं, लेकिन वे प्रतियोगिता में अब तक अपना 'जादू' नहीं दिखा पाए. मुस्तफिजुर को अपने वेरिएशंस के कारण शॉर्टर फॉर्मेट का बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है लेकिन उनके फॉर्म में न होने से अन्य गेंदबाजों पर दबाव बढ़ता है. तस्किन और रुबेल की गति अच्छी है लेकिन अभी तक ये टीम को लगातार कामयाबी नहीं दिला पाए हैं. मोसाद्दक हुसैन के अलावा बांग्लादेशी स्पिनर भी अब तक कोई खास असर नहीं छोड़ पाए हैं. ऐसे में टीम के सामने भारतीय बल्लेबाजों को रोकने की कठिन चुनौती है...
बांग्लादेश के लिहाज से बात करें तो इस सेमीफाइनल मैच में उसके पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है. ऐसे में मशरफे मुर्तजा की टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अप्रत्याशित परिणाम देने की पूरी कोशिश करेगी. भारतीय टीम ऐसे में बांग्लादेश को कमजोर आंकने की गलती नहीं कर सकती. बांग्लादेश ने जिस तरह से हर किसी को चौंकाते हुए सेमीफाइनल में स्थान बनाया है, ऐसे में उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. नजर डालते हैं दोनों टीमों के मजबूत और कमजोर पक्ष पर...
विराट ब्रिगेड में है बल्लेबाजों की भरमार
मजबूत पक्ष : बल्लेबाजी निश्चित रूप से टीम इंडिया का सबसे मजबूत पक्ष है. रोहित शर्मा और शिखर धवन की प्रारंभिक जोड़ी टूर्नामेंट में अब तक शानदार बल्लेबाजी कर रही है. कप्तान विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह का बल्ले से प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. हार्दिक पटेल ने लंबे समय से चली आ रही ऑलराउंडर की कमी को अच्छी तरह से पूरा किया है. कल के मैच में बांग्लादेशी गेंदबाजों के लिए भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है.
लंबे समय से गेंदबाजी को भारत का कमजोर पक्ष माना जाता रहा है, लेकिन मौजूदा टीम इस लिहाज से भी संतुलित है. तेज गेंदबाजी में भारत के पास भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे बेहतरीन गेंदबाज है. स्पिन डिपार्टमेंट में रविचंद्रन अश्चिन और रवींद्र जडेजा बल्लेबाजों की कठिन परीक्षा लेते हैं. हरफनमौला हार्दिक पांड्या ने भी अपनी गेंदबाजी प्रतिभा से अब तक न्याय किया है.
कमजोर पक्ष : श्रीलंका के खिलाफ मैच में टीम इंडिया को कमजोर फील्डिंग और खराब गेंदबाजी का खामियाजा हार के रूप में चुकाना पड़ा. टीम के चुस्त क्षेत्ररक्षकों में शुमार हार्दिक पांड्या ने भी पिछले दो मैचों में अपनी गेंदबाजी में कैच छोड़े हैं. ग्राउंड फील्डिंग भी कई बेहद अच्छे तो कभी बेहद खराब रहती है.
मुर्तजा के बल्लेबाज भी कर रहे बेहतरीन प्रदर्शन
मजबूत पक्ष : न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. इस मैच में शाकिब अल हसन और महमुदुल्लाह ने शतक जमाए और टीम को जीत दिलाई. ओपनर तमीम इकबाल भी बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे हैं. बांग्लादेश के लिहाज से इस तिकड़ी पर ही बल्लेबाजी का दारोमदार होगा. वैसे, इस टीम में मुशफिकुर रहीम और सौम्य सरकार भी अच्छे बल्लेबाज हैं. बांग्लादेश की सबसे बड़ी खूबी यह है कि विकेट गिरने के बावजूद यह आक्रामक रवैया बरकरार रखती है.
कमजोर पक्ष: बांग्लादेश टीम के प्रमुख गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान हैं, लेकिन वे प्रतियोगिता में अब तक अपना 'जादू' नहीं दिखा पाए. मुस्तफिजुर को अपने वेरिएशंस के कारण शॉर्टर फॉर्मेट का बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है लेकिन उनके फॉर्म में न होने से अन्य गेंदबाजों पर दबाव बढ़ता है. तस्किन और रुबेल की गति अच्छी है लेकिन अभी तक ये टीम को लगातार कामयाबी नहीं दिला पाए हैं. मोसाद्दक हुसैन के अलावा बांग्लादेशी स्पिनर भी अब तक कोई खास असर नहीं छोड़ पाए हैं. ऐसे में टीम के सामने भारतीय बल्लेबाजों को रोकने की कठिन चुनौती है...
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