
हार्दिक पंड्या ने क्रिकेट के तीनो फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया है (फाइल फोटो)
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कहा, क्रिकेट में पहचान बनाने के लिए किया है काफी संघर्ष
भारतीय टीम में हरफनमौला के रूप में बना हो चुके हैं स्थापित
आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हैं पंड्या
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हार्दिक ने बताया, 'जब बड़े भाई क्रुणाल 19 वर्ष के थे और मैं 17 वर्ष का था तो हमने पिता से कहा कि हमें किसी की सहानुभूति की जरूरत नहीं है. हम नहीं चाहते कि आप (पिता) लोगों को अपने बेटों को टीम ने चुनने के लिए कहें. यदि हम खेले तो अपनी पूरी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करेंगे, नहीं तो नहीं खेलेंगे. हम नहीं चाहते थे कि कोई यह कहें कि हमने इन बच्चों को बनाया क्योंकि हमने इन्हें खेलने का मौका दिया. ' उन्होंने कहा कि हां, इस दौरान कुछ लोग ऐसे रहे जिन्होंने हमारी मदद की, इसमें मेरे कोच हैं. मैं उनका आभारी हूं लेकिन आखिरकार मैदान पर तो प्रदर्शन तो आपको ही करना होता है. हमने मैदान पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया.
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बातचीत के दौरान हार्दिक ने पहचान हासिल करने के पहले परिवार के संघर्ष के बारे में बताया. इस दौरान उन्हें और उनके भाई क्रुणाल को बेहद मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि लोग नहीं जानते कि हमने तीन साल किस कदर संघर्ष किया तब हमारे पास पैसे नहीं थे. मुझे अभी भी याद है कि सैयद मुश्ताक अली नेशनल टी20 टूर्नामेंट जीतने पर क्रुणाल और मुझे और क्रुणाल को 70-70 हजार रुपए मिले तो मैंने भाई से कहा कि हमारे लिए यह राशि बड़ा सहारा है क्योंकि हम तीन साल से आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं. दो साल तक हमने कार की EMI भी नहीं चुकाई थी. हम कार को छुपाकर रखते थे क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि कार उठा ली जाए. इन तीन वर्षों में हमने जो भी कमाया, वह ईएमआई और खाने का इंतजाम करने के लिए था, कुछ और नहीं. हालांकि आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए चुने जाने के बाद हार्दिक की जिंदगी ने यूटर्न ले लिया. इसके बाद तो वे लगातार ऊंचाई छूते गए.
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