नई दिल्ली:
इंग्लैण्ड और वेस्ट इंडीज़ के बीच दो करोड़ डॉलर का टी-20 क्रिकेट मैच कराने के बाद खेलजगत की सुखिर्यों में आए अमेरिकी व्यवसायी एलेन स्टैनफोर्ड को निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का दोषी पाए जाने पर 110 साल जेल में बिताने की सजा सुनाई गई है।
टेक्सास के इस फाइनेंसर को धोखाधड़ी के 13 आरोपों में दोषी पाया गया है, और उस पर निवेशकों के सात अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप है। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की खबर के मुताबिक स्टैनफोर्ड को 230 साल की सजा देने की मांग की गई थी।
स्टैनफोर्ड को अमेरिका के नियामकों की जांच के बाद वर्ष 2009 में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उसने किसी भी तरह का गलत काम किया होने से इनकार किया है। स्टैनफोर्ड ने मामले की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश डेविड हिटनर से कहा, "मैंने किसी के साथ धोखेबाजी नहीं की। मैं यहां दया या माफी मांगने या खुद को आपकी दया पर छोड़ने नहीं आया हूं। मैंने कोई पोंजी स्कीम नहीं चलाई। मैंने किसी के साथ धोखेबाजी नहीं की।"
स्टैनफोर्ड को वर्ष 2006 में 'नाइट' की उपाधि भी दी गई थी, लेकिन बाद में यह उपाधि उनसे वापस ले ली गई।
टेक्सास के इस फाइनेंसर को धोखाधड़ी के 13 आरोपों में दोषी पाया गया है, और उस पर निवेशकों के सात अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप है। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की खबर के मुताबिक स्टैनफोर्ड को 230 साल की सजा देने की मांग की गई थी।
स्टैनफोर्ड को अमेरिका के नियामकों की जांच के बाद वर्ष 2009 में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उसने किसी भी तरह का गलत काम किया होने से इनकार किया है। स्टैनफोर्ड ने मामले की सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश डेविड हिटनर से कहा, "मैंने किसी के साथ धोखेबाजी नहीं की। मैं यहां दया या माफी मांगने या खुद को आपकी दया पर छोड़ने नहीं आया हूं। मैंने कोई पोंजी स्कीम नहीं चलाई। मैंने किसी के साथ धोखेबाजी नहीं की।"
स्टैनफोर्ड को वर्ष 2006 में 'नाइट' की उपाधि भी दी गई थी, लेकिन बाद में यह उपाधि उनसे वापस ले ली गई।
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