खराब दौर से जूझ रही भारतीय क्रिकेट टीम को ढर्रे पर लाने के लिए अहम जिम्मेदारी संभाल रहे नवनियुक्त टीम निदेशक रवि शास्त्री ने इन अटकलों को खारिज किया है कि उनकी नियुक्ति से कोच डंकन फ्लेचर की अहमियत कम हुई है।
इंग्लैंड के हाथों पांचवें और आखिरी टेस्ट में हार के साथ ही भारत शृंखला 3-1 से हार गया। इसके बाद शास्त्री को टीम निदेशक बनाया गया। शास्त्री ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, मेरा काम सब कुछ देखना है। सभी मुझे रिपोर्ट करेंगे। यह सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए है।
यह पूछने पर कि क्या इससे फ्लेचर के दर्जे पर असर पड़ेगा, शास्त्री ने कहा, बिल्कुल नहीं। वह मुख्य कोच बने रहेंगे। संजय बांगड़ और भरत अरुण उनके सहायक कोच रहेंगे। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने यह काम इसलिए, संभाला क्योंकि वह टीम के लिए कुछ करना चाहते थे। उन्होंने कहा, भारतीय क्रिकेट के लिए यह अहम समय है। जब मुझसे पूछा गया, तो मैंने इसके बारे में सोचा और हां कह दी। भारतीय क्रिकेट की दशा ऐसी है कि मुझे पता था कि मैं योगदान दे सकता हूं। मैं कभी यह सोचकर नहीं घबराता था कि काम कितना कठिन होगा या आसान। महत्वपूर्ण बात योगदान देना है।
शास्त्री ने कहा, यदि मैं आज यहां हूं, तो बीसीसीआई की वजह से। जूनियर क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने मुझे राज्य के लिए खेलने का मंच दिया और फिर देश के लिए खेलने का मौका भी। यह पूछने पर कि क्या नियुक्ति के बाद उनकी फ्लेचर या कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से बात हुई है, शास्त्री ने कहा, मैंने मंगलवार को उनके साथ दो घंटे बिताए। हमने मौजूदा हालात और सुधार के उपायों के बारे में बात की।
यह पूछने पर कि टेस्ट सीरीज में भारत की हार की वजह क्या रही, शास्त्री ने अनुभवहीनता को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, यदि आप इस एकादश द्वारा खेले गए टेस्ट मैचों की तुलना उन दौरों पर गई टीमों से करें, जहां हमने खराब खेला, तो यहां कम से कम हमने एक टेस्ट तो जीता।
शास्त्री ने कहा, हमने 1974 में एक भी टेस्ट नहीं जीता और पिछले दौरे पर भी यहां हमारा सफाया हुआ, जबकि टीम में कई बड़े नाम थे। यदि आप इस टीम के खिलाड़ियों द्वारा खेले गए कुल टेस्ट मैचों की संख्या देखें और अतीत में यहां का दौरा करने वाली टीमों द्वारा खेले गए टेस्ट मैचों को देखें, तो जमीन आसमान का अंतर नजर आएगा।
उन्होंने कहा, इस दौरे पर मैंने विदेश दौरे पर भारत की महानतम जीत देखी। मैं इसलिए यह जानता हूं, क्योंकि मैंने ऐसी पिच नहीं देखी और इस तरह की अनुभवहीन टीम ने उस पर जीत हासिल की। पिछले तीन टेस्ट में मैंने उन्हें रीढ़हीन क्रिकेट भी खेलते देखा। शास्त्री ने कहा कि भारत ने पिछले दो टेस्ट में जुझारूपन नहीं दिखाया।
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