चेन्नई वनडे में शतक बनाने के बाद विराट कोहली
नई दिल्ली:
चेन्नई वनडे में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर सीरीज में रोमांच बरकरार रखा है। टीम की जीत के हीरो रहे विराट कोहली। भारतीय गेंदबाजों ने भी अपने खेल से दर्शकों का दिल जीत लिया। आइए जानते हैं टीम इंडिया की जीत के पांच कारण...
1. विराट की शतकीय पारी
विराट कोहली चेपक मैदान पर पूरी लय में दिखे। उनके शतक के साथ ही यह तय हो गया था कि भारत 300 से अधिक या इससे आसपास का लक्ष्य मेहमान दक्षिण अफ्रीकी टीम के सामने रखेगा। सीरीज के पहले दो वनडे में तो विराट कुछ खास नहीं कर सके थे, लेकिन राजकोट के तीसरे वनडे में खेली गई 77 रनों की पारी के बाद चेन्नई में भी वे शुरुआत से ही बड़ा स्कोर करने के विश्वास से भरे दिखे।
2. दो शतकीय साझेदारियां
अपनी शानदार पारी के दौरान विराट में दो शतकीय साझेदारी भी निभाईं। वास्तव में इन दोनों साझेदारियों ने टीम इंडिया के बड़े स्कोर तक पहुंचने की बुनियाद रखी। कोहली ने पहले रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 104 और उसके बाद सुरेश रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 127 रन जोड़े।
3. भज्जी-अक्षर का स्पिन अटैक
शुरुआती नौ ओवरों में दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट खोकर 62 रन बना लिए थे और रन औसत सात रन प्रति ओवर के आसपास था। अमला तो विदा हो चुके थे, लेकिन डिकॉक राजकोट वनडे की तरह यहां भी आक्रामक अंदाज में खेल रहे थे। धोनी ने ऐसे समय अपने तुरुप के पत्ते हरभजन सिंह और अक्षर पटेल को आक्रमण पर उतारकर बड़ा दांव खेला और डिकॉक के आउट होते ही मैच भारत के पक्ष में मुड़ने लगा।
4. डिकॉक का रहाणे ने लिया शानदार कैच
रहाणे ने इस मैच में हरभजन की गेंद पर डिकॉक का जो कैच पकड़ा, उसे मैच का टर्निंग पाइंट माना जा सकता है। रहाणे ने गजब का पूर्वानुमान दिखाते हुए दूसरी स्लिप पर यह कैच पकड़ा। डिकॉक के आउट होते ही दक्षिण अफ्रीका बैकफुट पर आ गया और स्लो हो रहे विकेट पर उसके बल्लेबाजों को शॉट खेलना मुश्किल होता गया। दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजों ने हालात को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया और दक्षिण अफ्रीका पर से कभी भी दबाव हटने नहीं दिया।
5. अंतिम ओवरों में भुवी की घातक गेंदबाजी
भुवनेश्वर कुमार ने 45वें ओवर में खतरनाक एबी डिविलियर्स को 112 के निजी स्कोर पर धोनी के हाथों कैच कराया। यह मैच का दूसरा टर्निंग पॉइंट रहा। इसके बाद कुमार ने अपने अगले ओवर में दक्षिण अफ्रीका के 2 विकेट और झटक लिए, जिससे अफ्रीकी टीम की हार तय हो गई। कुमार ने 10 ओवर में 68 रन देकर कुल 3 विकेट लिए।
1. विराट की शतकीय पारी
विराट कोहली चेपक मैदान पर पूरी लय में दिखे। उनके शतक के साथ ही यह तय हो गया था कि भारत 300 से अधिक या इससे आसपास का लक्ष्य मेहमान दक्षिण अफ्रीकी टीम के सामने रखेगा। सीरीज के पहले दो वनडे में तो विराट कुछ खास नहीं कर सके थे, लेकिन राजकोट के तीसरे वनडे में खेली गई 77 रनों की पारी के बाद चेन्नई में भी वे शुरुआत से ही बड़ा स्कोर करने के विश्वास से भरे दिखे।
2. दो शतकीय साझेदारियां
अपनी शानदार पारी के दौरान विराट में दो शतकीय साझेदारी भी निभाईं। वास्तव में इन दोनों साझेदारियों ने टीम इंडिया के बड़े स्कोर तक पहुंचने की बुनियाद रखी। कोहली ने पहले रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 104 और उसके बाद सुरेश रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 127 रन जोड़े।
3. भज्जी-अक्षर का स्पिन अटैक
शुरुआती नौ ओवरों में दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट खोकर 62 रन बना लिए थे और रन औसत सात रन प्रति ओवर के आसपास था। अमला तो विदा हो चुके थे, लेकिन डिकॉक राजकोट वनडे की तरह यहां भी आक्रामक अंदाज में खेल रहे थे। धोनी ने ऐसे समय अपने तुरुप के पत्ते हरभजन सिंह और अक्षर पटेल को आक्रमण पर उतारकर बड़ा दांव खेला और डिकॉक के आउट होते ही मैच भारत के पक्ष में मुड़ने लगा।
4. डिकॉक का रहाणे ने लिया शानदार कैच
रहाणे ने इस मैच में हरभजन की गेंद पर डिकॉक का जो कैच पकड़ा, उसे मैच का टर्निंग पाइंट माना जा सकता है। रहाणे ने गजब का पूर्वानुमान दिखाते हुए दूसरी स्लिप पर यह कैच पकड़ा। डिकॉक के आउट होते ही दक्षिण अफ्रीका बैकफुट पर आ गया और स्लो हो रहे विकेट पर उसके बल्लेबाजों को शॉट खेलना मुश्किल होता गया। दूसरी ओर भारतीय गेंदबाजों ने हालात को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया और दक्षिण अफ्रीका पर से कभी भी दबाव हटने नहीं दिया।
5. अंतिम ओवरों में भुवी की घातक गेंदबाजी
भुवनेश्वर कुमार ने 45वें ओवर में खतरनाक एबी डिविलियर्स को 112 के निजी स्कोर पर धोनी के हाथों कैच कराया। यह मैच का दूसरा टर्निंग पॉइंट रहा। इसके बाद कुमार ने अपने अगले ओवर में दक्षिण अफ्रीका के 2 विकेट और झटक लिए, जिससे अफ्रीकी टीम की हार तय हो गई। कुमार ने 10 ओवर में 68 रन देकर कुल 3 विकेट लिए।
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