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"चार मैच जीतने के बावजूद टीम इंडिया अभी भी...", फाइनल से पहले सनी गावस्कर का सनसनीखेज बयान

India vs New Zealand: भारत चैंपियंस ट्रॉफी में पिछले सभी मैच जीता है, लेकिन इसके बावजूद गावस्कर का यह कहना बहुत ही चौंकाता है

"चार मैच जीतने के बावजूद टीम इंडिया अभी भी...", फाइनल से पहले सनी गावस्कर का सनसनीखेज बयान
नई दिल्ली:

चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) में मंगलवार को टीम रोहित ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर शानदार अंदाज में फाइनल में जगह बनाई, लेकिन दिग्गज सुनील गावस्कर ने ने मेगा फाइनल से पहले बड़ा बयान देते हुए कहा है, "फाइनल में पहुंचने के बावजूद भारतीय टीम अभी भी अपनी क्षमता के सौ फीसदी नहीं खेल  रही है. गावस्कर ने यह बयान तब दिया है, जब भारत ने अपने सभी पिछले मैच जीते हैं. अब जबकि टीम इंडिया का प्रदर्शन प्रभावी रहा है, तो गावस्कर का मानना है कि यह परफॉरमेंस त्रुटिहीन नहीं रही है. और पिछले कुछ मैचों में कप्तान और उपकप्तान रोहित और गिल दोनों को ही प्रदर्शन में नियमितता का अभाव रहा है.  वहीं, सनी का यह भी मानना है कि भारत को शुरुआती दस ओवरों में नई गेंद के साथ और ज्यादा विकेट चटकाने की जरूरत है.

"कई एरियों में सुधार की दरकार"

एक चैनल से बातचीत में सनी बोले, "टीम इंडिया का प्रदर्शन त्रुटिहीन नहीं रहा है.जब आप ओपनरों को देखते हैं, तो उन्होंने टीम को वैसी शुरुआत नहीं दी है, जिसकी उनसे उम्मीद थी. ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है. इसी तरह मेरा साफ तौर पर मानना है कि नई गेंद के साथ भी खामी है. शुरुआती दस ओवरों में आप नई गेंद के साथ दो-तीन विकेट लेना चाहते हो, लेकिन यह नहीं हो रहा है", उन्होंने कहा, "मिड्ल ओवरों  में हमने विकेट नहीं चटकाए हैं. हालांकि, रनों के बहाव पर अंकुश लगाया है, लेकिन विकेट भी आना जरूरी है. इसलिए यहां कई एरिया हैं, जिनमें आप सुधार कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो भारत के खिताब जीतने के आसार बेहतर होंगे."

"टीम में किसी बदलाव की जरूरतन नहीं"

गावस्कर ने यह भी कहा कि प्रबंधन को फाइनल में इलेवन में ज्यादा बदलाव न करते हुए पिछले दो मैचों की तरह चार स्पिनरों के साथ ही मैदान पर उतरना चाहिए. उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि वह चार स्पिनरों के साथ खलेने जा रहे हैं और ऐसा होना ही चाहिए. बदलाव की जरूरत ही क्यों है?", सनी बोले, "वरुण और कुलदीप को खिलाने ने दिखाया है कि वे कितने प्रभावी हो सकते हैं. साथ ही, वनडे या किसी भी फॉरमेट में में विकेट टेकिंग गेंद डॉट बॉल (खाली गेंद) होती हैं. ऐसे में किसी बदलाव की जरूरत नहीं हैं."
 


(जारी है...)

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