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"इन दोनों को कम से कम...", अब योगराज सिंह ने रोहित और विराट को लेकर कह दी यह बात

Yograj Singh news statement: युवी के पिता योगराज के रिकॉर्ड के बारे में भले ही न जानते हों, लेकिन उनके बयानों से अच्छी तरफ वाकिफ हैं

"इन दोनों को कम से कम...", अब योगराज सिंह ने रोहित और विराट को लेकर कह दी यह बात
नई दिल्ली:

Yograj Sing on Rohit & Virat:  अब आप यह तो जानते ही हैं दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता और भारत के लिए खेल चुके पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह (yograj Singh) का क्या स्वभाव है. भले ही कोई यह न जानता हो कि उन्होंने भारत के लिए कितने मैच खेले हैं, लेकिन यह जरूर जानता है कि वह बयान कैसे देते रहे हैं और धोनी के बारे में क्या-क्या उन्होंने कहा है. अब जबकि पूरा क्रिकेट जगत रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) की फॉर्म और उनकी विदाई की बात कर रहा है, तो योगराज ने इस मामले पर भी राय रखी है. 

योगराज ने कहा,"मेरे विचार में जब से आईपीएल आया है, भारत में क्रिकेट में बहुत सुधार आया है. बहुत सारे क्रिकेटरों को मौका मिला, बहुत सारे क्रिकेटरों के करियर बने. सबसे अच्छी बात ये हुई कि क्रिकेटर्स के लिए पैसा बहुत आया है. कई क्रिकेटरों की जिंदगी बन गई है. पहले इतना पैसा होता नहीं था, जबकि लोग खून पसीना बहाते थे. मुझे लगता है आईपीएल ने इस देश के लिए बहुत काम किया है. मैं इसके लिए बीसीसीआई को बधाई देता हूं."

उन्होंने कहा, " आज आईपीएल बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट बन चुका है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी बहुत खर्च कर रहा है और अब नए बच्चों को बहुत पैसे मिल रहे हैं.  इसके लिए बीसीसीआई बधाई का पात्र है और आईपीएल देश के लिए वरदान बन चुका है." योगराज सिंह ने महिला प्रीमियर लीग पर भी बात की जो क्रिकेट को महिला-पुरुषों के लिए समान प्लेटफॉर्म बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. उन्होंने अपनी बेटी अमरजोत कौर को याद करते हुए कहा कि मुझे खुशी है महिला प्रीमियर लीग फरवरी में शुरू होने जा रही है. मेरे विचार से चाहे महिला हों या पुरुष, दोनों को एक ही दर्जा देना चाहिए.

योगराज सिंह ने आगे कहा, "भारत को अभी रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों की बहुत जरूरत है. कम से कम 3-4 साल और इन खिलाड़ियों को खेलना होगा. यही बात बुमराह के लिए है. क्योंकि जब युवराज सिंह जैसे युवा कभी टीम में आए थे जब 10 दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे, जो सीनियर थे. सीनियरों का मार्गदर्शन जरूरी होता है. बीसीसीआई जो भी टीम चुने, उसको बनाए रखा जाना चाहिए"

उन्होंने कहा, "साल 2011 से टीम को तोड़ने का सिलसिला चल पड़ा है. एक ही व्यक्ति के हाथ में सारी ताकत देने से यह सब हुआ, लेकिन इसका परिणाम भुगतना पड़ा क्योंकि हम कई विश्व कप हारे, कई टेस्ट सीरीज में हार मिली. लगातार तीन-चार टेस्ट सीरीज हम हारते गए. जब हम अपने घर को बनाते हैं तो हम सबसे पहले दरार भरने का काम करना चाहिए हार-जीत लगी रहती है लेकिन सबको साथ लेकर चलना चाहिए."

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