
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जस्टिस आरएम लोढा के फैसले के ऐलान के फौरन बाद आईपीएल में आठ टीमों को बनाए रखने की कवायद भी पर्दे के पीछे शुरू हो गई है।
वरना न सिर्फ फैन्स को कम मैच देखने का नुकसान उठाना पड़ेगा बल्कि टीवी राइट्स और दूसरे स्पांसर को लेकर मुश्किलें भी शुरू हो सकती हैं।
आईपीएल के अगले दो सीज़न में आठ टीमें कैसे हिस्सा लेंगी, आईपीएल की टीमों के क्या समीकरण होंगे इसे लेकर पर बहस शुरू हो चुकी है।
आईपीएल की पहली विजेता टीम राजस्थान रॉयल्स टीम बाहर हो चुकी है। आईपीएल की सबसे कामयाब टीम चेन्नई सुपरकिंग्स टीम भी दो साल के लिए बाहर हो गई है। अब संकट सिर्फ साख का नहीं, कारोबार का भी है। यानी अगर 60 मैचों की जगह अब सिर्फ़ छह टीमों के सहारे 34 मैच का आईपीएल का आयोजन हुआ तो स्पांसर और टीवी राइट्स के मामले में घाटा तो होगा ही।
सबसे बड़ा सवाल- दोनों टीमों के खिलाड़ियों का क्या होगा? बीसीसीआई के सामने कुछ विकल्प नज़र आ रहे हैं।
कैसे दो नई टीमें बनें?
आईपीएल में दो नई टीमों को जोड़ने का रास्ता खोला जा सकता है। ये टीमें बीसीसीआई भी बना सकती है या फिर पुणे और कोच्चि की टीमों को भी मौका दिया जा सकता है या फिर आईपीएल में शामिल होने को बेकरार कुछ शहरों की टीम बनाई जा सकती है।
एक दिलचस्प विकल्प यह सामने आ रहा है कि बीसीसीआई अपनी निगरानी में दो टीमों का गठन कर ले। माना जा रहा है कि इससे खिलाड़ियों को भी फायदा होगा और बोर्ड को भी। ऐसे में बीसीसीआई खिलाड़ियों को उनकी फीस अदा करेगा और टीम के कामकाज संभालेगा। ये दोनों टीमें बीसीसीआई को सालाना फ़्रेंचाइज़ी फ़ीस अदा करने से मुक्त रहेंगी।
बीसीसीआई कोच्चि टीम को आईपीएल में वापसी का मौका दे सकती है। ऐसे में बीसीसीआई एक टीम अपनी निगरानी में आईपीएल में मैदान पर उतार सकती है।
क्या होगा खिलाड़ियों का?
दूसरा मसला खिलाड़ियों का है। दो साल तक इन प्रतिबंधित टीमों के खिलाड़ी क्या करेंगे? क्या इन्हें दूसरी टीमों में ट्रांसफ़र किए जाने की छूट मिलेगी? या फिर आइपीएल में नए सिरे से नीलामी की गुंजाइश खोजी जाएगी?
इन सारे विकल्पों के बीच कुछ पेचीदगियां भी हैं। खिलाड़ियों की बोली 2017 में होनी तय थी, लेकिन मौजूदा हालात में ये बोली 2016 में ही करनी पड़ेगी।
आने वाले रविवार यानी 19 जुलाई को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इन विकल्पों पर बात होगी। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद इन विकल्पों से धुंध हंट सकेगी और आईपीएल 9 या आईपीएल 10 और बाद की तस्वीर साफ हो सकेगी।
वरना न सिर्फ फैन्स को कम मैच देखने का नुकसान उठाना पड़ेगा बल्कि टीवी राइट्स और दूसरे स्पांसर को लेकर मुश्किलें भी शुरू हो सकती हैं।
आईपीएल के अगले दो सीज़न में आठ टीमें कैसे हिस्सा लेंगी, आईपीएल की टीमों के क्या समीकरण होंगे इसे लेकर पर बहस शुरू हो चुकी है।
आईपीएल की पहली विजेता टीम राजस्थान रॉयल्स टीम बाहर हो चुकी है। आईपीएल की सबसे कामयाब टीम चेन्नई सुपरकिंग्स टीम भी दो साल के लिए बाहर हो गई है। अब संकट सिर्फ साख का नहीं, कारोबार का भी है। यानी अगर 60 मैचों की जगह अब सिर्फ़ छह टीमों के सहारे 34 मैच का आईपीएल का आयोजन हुआ तो स्पांसर और टीवी राइट्स के मामले में घाटा तो होगा ही।
सबसे बड़ा सवाल- दोनों टीमों के खिलाड़ियों का क्या होगा? बीसीसीआई के सामने कुछ विकल्प नज़र आ रहे हैं।
कैसे दो नई टीमें बनें?
आईपीएल में दो नई टीमों को जोड़ने का रास्ता खोला जा सकता है। ये टीमें बीसीसीआई भी बना सकती है या फिर पुणे और कोच्चि की टीमों को भी मौका दिया जा सकता है या फिर आईपीएल में शामिल होने को बेकरार कुछ शहरों की टीम बनाई जा सकती है।
एक दिलचस्प विकल्प यह सामने आ रहा है कि बीसीसीआई अपनी निगरानी में दो टीमों का गठन कर ले। माना जा रहा है कि इससे खिलाड़ियों को भी फायदा होगा और बोर्ड को भी। ऐसे में बीसीसीआई खिलाड़ियों को उनकी फीस अदा करेगा और टीम के कामकाज संभालेगा। ये दोनों टीमें बीसीसीआई को सालाना फ़्रेंचाइज़ी फ़ीस अदा करने से मुक्त रहेंगी।
बीसीसीआई कोच्चि टीम को आईपीएल में वापसी का मौका दे सकती है। ऐसे में बीसीसीआई एक टीम अपनी निगरानी में आईपीएल में मैदान पर उतार सकती है।
क्या होगा खिलाड़ियों का?
दूसरा मसला खिलाड़ियों का है। दो साल तक इन प्रतिबंधित टीमों के खिलाड़ी क्या करेंगे? क्या इन्हें दूसरी टीमों में ट्रांसफ़र किए जाने की छूट मिलेगी? या फिर आइपीएल में नए सिरे से नीलामी की गुंजाइश खोजी जाएगी?
इन सारे विकल्पों के बीच कुछ पेचीदगियां भी हैं। खिलाड़ियों की बोली 2017 में होनी तय थी, लेकिन मौजूदा हालात में ये बोली 2016 में ही करनी पड़ेगी।
आने वाले रविवार यानी 19 जुलाई को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इन विकल्पों पर बात होगी। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद इन विकल्पों से धुंध हंट सकेगी और आईपीएल 9 या आईपीएल 10 और बाद की तस्वीर साफ हो सकेगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं