भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला में हुए पांच मैचों की सीरीज के पांचवें और आखिरी मुकाबले के बाद बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों को एक तोहफा दिया है. बीसीसीआई ने 'टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम' लॉन्च की है. इस स्कीम के तहत टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को बंपर फायदा होगा. अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 75 फीसदी से अधिक टेस्ट मैच खेलता है तो उसे टेस्ट मैच के लिए मिलने वाली फीस के अतिरिक्त 45 लाख रुपये प्रति मैच के हिसाब से मिलेंगे. बोर्ड सचिव जय शाह ने शनिवार को घोषणा इसका ऐलान किया है. बता दें, भारत ने इंग्लैंड को धर्मशाला में सीरीज के आखिरी मुकाबले में पारी और 64 रनों के बड़े अंतर से हराकर, सीरीज 4-1 से अपने नाम की है.
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर यह ऐलान किया कि प्रोत्साहन खिलाड़ियों के लिए 15 लाख रुपये की मौजूदा मैच फीस के अलावा "अतिरिक्त इनाम संरचना" के रूप में काम करेगा. जय शाह ने लिखा,"मुझे सीनियर पुरुषों के लिए 'टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसका उद्देश्य हमारे सम्मानित एथलीटों को वित्तीय विकास और स्थिरता प्रदान करना है. 2022-23 सीज़न से शुरू होकर, 'टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' टेस्ट मैचों के लिए 15 लाख रुपये की मौजूदा मैच फीस के ऊपर एक अतिरिक्त इनाम संरचना के रूप में काम करेगी."
I am pleased to announce the initiation of the 'Test Cricket Incentive Scheme' for Senior Men, a step aimed at providing financial growth and stability to our esteemed athletes. Commencing from the 2022-23 season, the 'Test Cricket Incentive Scheme' will serve as an additional… pic.twitter.com/Rf86sAnmuk
— Jay Shah (@JayShah) March 9, 2024
जय शाह ने इसके साथ ही यह भी बताया है कि किन खिलाड़ियों को इससे फायदा होगा और किसको नहीं. जय शाह ने उदाहरण दिया है कि यह मानते हुए कि एक सीज़न में कम से कम नौ टेस्ट मैच हैं तो ऐसे में 50 प्रतिशत से कम यानि चार से कम मैच खेलने वाले खिलाड़ी इस योजना का फायदा नहीं उठा पाएंगे. इसके अलावा प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को भी इसका फायदा नहीं होगा.
अगर कोई खिलाड़ी 50 प्रतिशत से अधिक यानि 5 या 6 टेस्ट खेलता है तो ऐसे में प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को 30 लाख रुपये प्रति मैच मिलेंगे, जबकि टीम का हिस्सा रहे ऐसे खिलाड़ी जिन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें 15 लाख रुपये मिलेंगे. बता दें, यह पैसा मैच फीस के अतिरिक्त होगा. इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी एक सीजन में 75 फीसदी यानि 7 सात या उससे अधिक मुकाबले खेलता है तो प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को 45 लाख रुपये प्रति मैच मिलेंगे. जबकि प्लेइंग इलेवन से बाहर खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये मिलेंगे.
बीसीसीआई का यह कदम खेल के सबसे पुराने प्रारूप को संरक्षित करने और महत्व देने के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बोर्ड ने बीते कुछ समय में खिलाड़ियों से टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने को कहा है. ईशान किशन और श्रेयस अय्यर द्वारा बोर्ड के कहने के बाद भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने और आईपीएल को प्राथमिकता देने के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया है. जब 28 फरवरी को बोर्ड ने 2023-24 सीज़न के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया था, उसमें भी बोर्ड ने क्रिकेटरों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेने के लिए भी कहा था, जब वे टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं.
यह भी पढ़ें: IND vs ENG: 112 सालों में पहली बार हुआ ऐसा, धर्मशाला में इंग्लैंड को हराकर भारत ने रचा इतिहास
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं