
महान दिग्गज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कंगारू कप्तान टिम पेन (Tim Paine) पर जमकर बरसते हुए उन्हें कप्तान पद से हटाने की बात कही है. पेन द्वारा मैदान पर कई गई गाली-गलौज पर आपत्ति जाहिर करते हुए गावस्कर ने कहा कि उनका बर्ताव कप्तान की मर्यादा के अनुकूल नहीं है और उन्हें सीरीज के बाद कप्तानी पद से हटा देना चाहिए. बता दें कि जब रविचंद्नन अश्विन (R. Ashwin) और हनुमा विहारी (Hunami Vihari) शारीरिक दर्द सहते हुए भारत को ड्रॉ की राह पर ले जा रहे थे, तो पेन ने पारी के 122वें ओवर में इन दोनों को अस्थिर करने के लिए गाली-गलौज को हथियार बनाया. मैच के बाद गावस्कर ने पेन के इस बर्ताव की आलोचना की और कहा कि उन्हें अपनी टीम का बेहतर ढंग से नेतृत्व करने के लिए बात करने के बजाय कैच पकड़ने पर ध्यान देना चाहिए.
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गावस्कर ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि सबसे पहले किसी राष्ट्रीय कप्तान के लिए क्रिकेट के बजाय इस तरह की बातें करना गलत था. आप हर तरह से सामने वाली टीम या बल्लेबाज को अस्थिर करना चाहते हो. इसके लिए आप उनकी क्रिकेट के बारे में बात करते हैं. आप बल्लेबाज से कह सकते हो कि वह खेलना नहीं जानता. आप कह सकते हो कि वह अच्छा बल्लेबाज नहीं है, वगरैह-वगैरह. लेकिन जब आप कुछ और बात करते हो, तो यह आपकी हताशा को प्रदर्शित करता है. यह दिखाता है कि आप सामने वाली टीम के जूझारू अंदाज या मैच में वापसी की सहन करने योग्य नहीं हो.
गावस्कर ने कहा कि दिन की समाप्ति पर मुस्कुराहट भारतीयों के हिस्से आयी. पेन ने जो कुछ भी कहा, लेकिन यहां जीत अश्विन की हुयी. सनी बोले कि मैं नहीं जानता और मैं ऑस्ट्रेलियाई सेलेक्टर नहीं हूं, लेकिन उनकी कप्तानी के गिनती के दिन बचे हैं. आपने भारतीय टीम को 130 ओवर खेलने दिए और कोई विकेट नहीं चटका सके. जबकि यह कंगारू अटैक बहुत ही अच्छा है. गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण में बदलाव परिणाम में अंतर पैदा कर सकते थे. लेकिन यहां यहां टिम पेनी गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में बदलाव की बजाय बल्लेबाजों से बातचीत में ज्यादा रुचिकर दिखायी पड़े.
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गावस्कर बोले कि इसलिए अगर सीरीज खत्म होने के बाद अगर कप्तानी में बदलाव होता है, तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा. टिम ने दो आसान कैच छोड़े. और फिर विहारी का कैच भी छोड़ा, जो वह पहली स्लिप के लिए छोड़ सकते थे. टिम थोड़ी हताशा में थे और अश्विन के साथ हुयी बातचीत के बाद उनका ध्यान पहले जैसा नहीं था. लेकिन आप देखिए कि कंगारू पूर्व कप्तान मेरे बगल में कमेंटरी कर रहे थे और कह रहे थे कि यह मैच वापसी करने का बेहतरीन जरिया है. वास्तव में, यहां सर्वश्रेष्ठ बात अपने खेल पर ध्यान लगाना है. इस तरह की हरकतों से सामने वाली टीम को परेशान करने का तरीका एक बकवास बात है.
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