कोलंबो की हलचल : स्पिनर अमित मिश्रा "लकी चार्म"

कोलंबो की हलचल : स्पिनर अमित मिश्रा

अमित मिश्रा (फाइल फोटो)

कोलंबो:

सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ के बाद नॉट आउट रहने वाले चौथे भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए चेतेश्वर पुजारा। आईसीसी ने ट्वीट किया है कि पिछले चार साल से यह कारनामा कोई भी नहीं कर पाया था।
 


यहां एक और खास बात हुई। साल 2011 में इंग्लैंड में ओवल टेस्ट में जब राहुल द्रविड़ ने जब "कैरी द बैट" किया था, तब अमित मिश्रा ने सातवें विकेट के लिए उनके साथ 87 रनों की साझेदारी की थी। यहां कोलंबो में मिश्रा ने पहली पारी में आठवें विकेट के लिए पुजारा के साथ 104 रन जोड़े। हालांकि पुजारा दूसरी पारी में बिना खाता खोले ही आउट हो गए।  कोहली ब्रैंड आक्रामकता

विराट कोहली ब्रैंड की आक्रामक क्रिकेट श्रीलंका में जारी है। श्रीलंका के 6 विकेट 47 रन पर ही गिर चुके थे। ईशांत शर्मा की एक गेंद पर धमिका प्रसाद को उंगली पर जबरदस्त चोट लगी और वे रिटायर्ड हर्ट हो वापस चले गए। ऐसा लगा कि श्रीलंका टेस्ट में अपने न्यूनतम स्कोर 71 तक को भी पार नहीं कर पाएगा। लेकिन फिर अपना पहला टेस्ट खेल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज कुसल परेरा ने रंगना हेराथ के साथ 79 रन की साझेदारी करके भारतीय गेंदबाजों को खासा परेशान कर दिया।

भारत के खिलाफ श्रीलंका का न्यूनतम स्कोर 82 था। दोनों ने इसे भी पार कर लिया। आखिरकार परेरा 55 रन बनाकर ईशांत शर्मा की गेंद पर विराट कोहली को कैच दे बैठे। कोहली ने कैच लेने के बाद पैर से गेंद को फुटबॉल की तरह उछाल दिया। टेलीविजन रिप्ले में कोहली के होठों की भाषा पढ़नी मुश्किल नहीं थी। शुक्र है कि उन्होंने गाली हवा में दी,  न कि किसी खिलाड़ी को देखते हुए।

इस बीच ईशांत शर्मा और कुसल परेरा के बीच गर्मा-गर्मी हो गई। पिछले टेस्ट में लाहिरू थिरिमाने और दिनेश चांदीमल को आउट करने के बाद ईशांत ने जो किया उसकी कीमत उन्हें 65 फीसदी मैच के रूप में करनी पड़ी थी। अगर इस बार भी आरोप सही पाए गए तो उन्हें आगे पाबंदी का भी सामना करना पड़ सकता है।

भुवनेश्वर का दर्द

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श्रीलंका दौरे पर भुवनेश्वर कुमार ही इकलौते खिलाड़ी रहे जिन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया। हालांकि करुण नायर भी पैवेलियन में ही बैठे रहे, लेकिन उन्हें तीसरे टेस्ट के लिए बुलाया गया था। भुवनेश्वर शुरू से ही टीम का हिस्सा थे। पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान सुनील गावस्कर की राय में भुवनेश्वर को तीसरे टेस्ट में स्टुअर्ट बिन्नी की जगह खेलाया जाना चाहिए था। भुवनेश्वर की स्विंग गेंदें एसएससी की पिच पर ज्यादा कारगर साबित हो सकती थी। सचिन तेंदुलकर को फर्स्ट क्लास मैच में शून्य पर आउट करने वाले पहले गेंदबाज भुवनेश्वर ने अब तक 12 टेस्ट मैच में 29 विकेट लिए हैं। चोट के कारण वे टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं।