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This Article is From Nov 11, 2016

INDvsENG: टीम इंडिया के चेतेश्‍वर ने अब 'चीते' की तरह दौड़ लगाना सीख लिया है...

INDvsENG: टीम इंडिया के चेतेश्‍वर ने अब 'चीते' की तरह दौड़ लगाना सीख लिया है...
चेतेश्‍वर पुजारा (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के प्रमुख बल्‍लेबाज चेतेश्‍वर पुजारा ने अब 'एक्‍सेलेरेटर' पर पैर रखना सीख लिया है...राजकोट टेस्‍ट में पुजारा के अच्‍छे स्‍ट्राइक रेट से बनाए गए शतक के बाद क्रिकेटप्रेमियों के बीच यही चर्चा है. पुजारा ने अपने गृहनगर में करियर का नौवां टेस्‍ट शतक जमाया है .इसी वर्ष टीम इंडिया के वेस्‍टइंडीज दौरे के बाद मीडिया रिपोर्ट में चर्चा थी कि टीम प्रबंधन की ओर से पुजारा को अपने स्‍ट्राइक रेट में सुधार करने की हिदायत दी है.इन रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में चीफ सिलेक्‍टर के पद से हटे संदीप पाटिल ने बातचीत के दौरान कहा था कि वेस्टइंडीज दौरे पर चेतेश्‍वर के प्रदर्शन से कप्‍तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले नाखुश थे. इन दोनों ने पुजारा ने अपना स्‍ट्राइक रेट सुधारने को कहा था. गौरतलब है कि बल्‍लेबाजी के स्‍ट्राइक रेट का आकलन बनाए गए रन और खेली गई गेंदों के आधार पर किया जाता है.

इन खबरों के मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद कुंबले ने इसका खंडन किया था. टीम इंडिया के कोच ने कहा था कि टीम प्रबंधन की तरफ से पुजारा के ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं है. वह टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए 'जंबो' ने कहा था, 'मैं जानता हूं टी-20 के आने के बाद से स्ट्राइक रेट को लेकर काफी बातें होती हैं. जहां तक मेरा ख्याल है, जब मैं खेला करता था तब स्ट्राइक रेट अधिकतर गेंदबाजों के बारे में होता था. भारतीय टीम में आपको अलग तरह का होना जरूरी है. आपको अलग तरह की काबलियित वाले खिलाड़ि‍यों की जरूरत होती है.'

कुंबले के इस स्‍पष्‍टीकरण के बाद भले ही इन चर्चाओं पर विराम लग गया, लेकिन पुजारा ने अपनी अगली पारियों से इस बात का अहसास करा दिया कि वे अपने स्‍ट्राइक रेट को बेहतर बनाने को लेकर संजीदा हैं. उनके पिछले दो शतक इस बात की पुष्टि करते हैं. जहां न्‍यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में बनाए शतक (नाबाद 101) में उनका स्‍ट्राइक रेट 68.24 का रहा, वहीं इंग्‍लैंड के खिलाफ शुक्रवार को बनाए गए शतक के दौरान उनका स्‍ट्राइक रेट 59.17 का रहा. दरअसल पुजारा ने 148 गेंदों पर ही 90 रन बना लिए थे, लेकिन अगले दस रन के लिए उन्‍होंने 21 गेंदें और खेलीं. उनका शतक 169 गेंदों पर पूरा हुआ.

चेतेश्‍वर की पहचान आमतौर पर विकेट पर लंगर डालकर बैटिंग करने वाले बल्‍लेबाज की रही है. उनकी जिम्‍मेदारी एक छोर को सुरक्षित रखकर रन बनाने की होती थी, लेकिन लगता है अब चेतेश्‍वर ने भी चीते की तरह दौड़ लगाना सीख लिया है. इस लिहाज से न्‍यूजीलैंड के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज उनके लिए टर्निंग पॉइंट रही. इस सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन से उन्‍होंने आलोचकों की बोलती बंद कर दी. तीन टेस्‍ट मैचों की इस सीरीज में उन्‍होंने 74.60 के औसत से सर्वाधिक 373 रन (स्‍ट्राइक रेट 50.20) बनाए जिसमें इंदौर टेस्‍ट की दूसरी पारी का शतक (101*) शामिल रहा. 

28 वर्षीय पुजारा के लिए इंदौर का यह शतक बड़ी संतुष्टि देने वाला था क्‍योंकि 14 पारियों के बाद यह शतक आया था. इस दौरान पुजारा कुछ अर्धशतक जमाने में कामयाब रहे लेकिन बड़ी पारी खेलने की उनकी पहचान 'गुम' होती जा रही थी. यही कारण रहा कि कुछ मैचों में उन्‍हें प्‍लेइंग इलेवन से बाहर भी होना पड़ा. टीम इंडिया के बांग्‍लादेश दौरे में हुए टेस्‍ट में पुजारा को एकादश में स्‍थान नहीं मिला.श्रीलंका दौरे पर दो टेस्ट मैचों में भी उन्‍हें बाहर बैठना पड़ा. वेस्‍टइंडीज के खिलाफ चार मैचों की सीरीज के एक टेस्‍ट में भी पुजारा को टीम में जगह नहीं मिल सकी. इस समय ऐसा लगा कि पुजारा, कप्‍तान और टीम प्रबंधन का विश्‍वास खोते जा रहे हैं और चेतेश्‍वर की तुलना में बेहतर स्‍ट्राइक रेट से बैटिंग करने वाले रोहित शर्मा को तरजीह दी जाने लगी.

वेस्‍टइंडीज के खिलाफ वहां के मैदानों पर हुई टेस्‍ट सीरीज एक तरह से पुजारा के लिए 'वार्निंग अलार्म' थी. इस सीरीज के चार में से तीन टेस्‍ट में पुजारा को खेलने का मौका मिला. इन मैचों में भी वे खास नहीं कर सके और दो पारियों में 31 के औसत 62 रन ही बना पाए. इस दौरान 46 उनका सर्वाधिक स्‍कोर रहा. बहरहाल, रनों के इस 'सूखे' को पुजारा ने चुनौती के तौर पर लिया और न्‍यूजीलैंड के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज और राजकोट टेस्‍ट के प्रदर्शन से उन्‍होंने  जता दिया है कि प्‍लेइंग इलेवन में वे अपना स्‍थान आसानी से गंवाने को तैयार नहीं हैं...

चेतेश्‍वर पुजारा के पिछले आठ शतक
1. रन 206*, गेंदें खेलीं 389, चौके 21, स्‍ट्राइक रेट 52.95 (विरुद्ध इंग्‍लैंड, अहमदाबाद, 2012)
2. रन 204, गेंदें खेलीं 341, चौके 30, छक्‍का 1, स्‍ट्राइक रेट 59.82 (विरुद्ध ऑस्‍ट्रेलिया, हैदराबाद, 2013)
3. रन 159, गेंदें खेलीं 306, चौके 19, छक्‍का 1, स्‍ट्राइक रेट 51.96 (विरुद्ध न्‍यूजीलैंड, हैदराबाद, 2012)
4. रन 153, गेंदें खेलीं 270, चौके 21,  स्‍ट्राइक रेट 56.66  (विरुद्ध द.अफ्रीका , हैदराबाद, 2013)
5. रन 145*, गेंदें खेलीं 289, चौके 14,  स्‍ट्राइक रेट 50.17  (विरुद्ध श्रीलंका, कोलंबो, 2015)
6.रन 135, गेंदें खेलीं 350, चौके 12,  स्‍ट्राइक रेट 38.57 (विरुद्ध इंग्‍लैंड, मुंबई, 2012)
7 .रन 113, गेंदें खेलीं 167, चौके 12,  स्‍ट्राइक रेट 67.66 (विरुद्ध इंडीज, मुंबई, 2013)
8 .रन 101*, गेंदें खेलीं 148, चौके 9,  स्‍ट्राइक रेट 68.24 (विरुद्ध न्‍यूजीलैंड, इंदौर, 2016)

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