प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर:
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में 140 गांव व कस्बे जल्द ही सौर बिजली से रोशन होंगे। ये गांव देश की आजादी के 68 साल के बाद भी बिजली सुविधा से वंचित हैं।
ज्यादातर बस्तर प्रभाग के घने जंगलों में और कुछ सरगुजा प्रभाग में स्थित इन गांवों को जल्द ही सुदूर गांव विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सौर बिजली मिलने लगेगी। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) द्वारा चलाया जा रहा है।
2003 से अब तक करीब 1700 गांवों व कस्बों में बिजली उपलब्ध कराई
क्रेडा के कार्यकारी अभियंता राजीव ज्ञानी ने बताया कि क्रेडा ने 2003 से अब तक करीब 1700 गांवों व कस्बों में बिजली उपलब्ध कराई है और बहुत ही जल्द बस्तर और सरगुजा प्रभागों में और 140 गांवों को सौर बिजली पहुंचाई जाएगी।
सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, सरगुजा और दंतेवाड़ा नक्सल प्रभावित
उन्होंने कहा कि ये गांव नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, सरगुजा और दंतेवाड़ा जिलों में आते हैं। बिजली विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बिजली सुविधा वाले गांवों की संख्या अब बढ़कर करीब 19,567 पर पहुंच गई है जो 2000 में राज्य के गठन के समय 17,682 थी। इसी तरह, बिजली की सुविधा वाले कस्बों की संख्या बढ़कर 25,168 पहुंच गई है जो 2000 में 10,375 थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 और 2003 के बीच 102 गांवों में सौर बिजली प्रणाली लगाई गई। ज्ञानी ने कहा, ‘‘राज्य में बड़ी संख्या में गांव व कस्बे राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव अभयारण्यों के निकट होने के चलते राष्ट्रीय ग्रिड से नहीं जुड़ सके हैं और इन गांवों में सौर बिजली पहुंचाई गई है।’’
ज्यादातर बस्तर प्रभाग के घने जंगलों में और कुछ सरगुजा प्रभाग में स्थित इन गांवों को जल्द ही सुदूर गांव विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत सौर बिजली मिलने लगेगी। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) द्वारा चलाया जा रहा है।
2003 से अब तक करीब 1700 गांवों व कस्बों में बिजली उपलब्ध कराई
क्रेडा के कार्यकारी अभियंता राजीव ज्ञानी ने बताया कि क्रेडा ने 2003 से अब तक करीब 1700 गांवों व कस्बों में बिजली उपलब्ध कराई है और बहुत ही जल्द बस्तर और सरगुजा प्रभागों में और 140 गांवों को सौर बिजली पहुंचाई जाएगी।
सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, सरगुजा और दंतेवाड़ा नक्सल प्रभावित
उन्होंने कहा कि ये गांव नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, सरगुजा और दंतेवाड़ा जिलों में आते हैं। बिजली विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बिजली सुविधा वाले गांवों की संख्या अब बढ़कर करीब 19,567 पर पहुंच गई है जो 2000 में राज्य के गठन के समय 17,682 थी। इसी तरह, बिजली की सुविधा वाले कस्बों की संख्या बढ़कर 25,168 पहुंच गई है जो 2000 में 10,375 थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 और 2003 के बीच 102 गांवों में सौर बिजली प्रणाली लगाई गई। ज्ञानी ने कहा, ‘‘राज्य में बड़ी संख्या में गांव व कस्बे राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव अभयारण्यों के निकट होने के चलते राष्ट्रीय ग्रिड से नहीं जुड़ सके हैं और इन गांवों में सौर बिजली पहुंचाई गई है।’’
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