
गुजरात हाई कोर्ट का फाइल फोटो
- 22 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति मांगी
- नियमों के मुताबिक 20 हफ्तों के बाद गर्भ नहीं गिराया जा सकता
- 32 वर्षीय मूक-बधिर पीड़िता के साथ आश्रय गृह के लिपिक ने रेप किया
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अहमदाबाद:
गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी को एक बलात्कार पीड़िता की जांच करने का निर्देश दिया, जिसने अपने 22 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है।
नियमों के मुताबिक 20 हफ्तों के बाद गर्भ नहीं गिराया जा सकता है। बत्तीस वर्षीय मूक-बधिर पीड़िता के साथ शहर के उस आश्रय गृह के एक लिपिक ने कथित तौर पर बलात्कार किया, जहां वह रहती है। उसके गर्भ धारण करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नियमों के मुताबिक 20 हफ्तों के बाद गर्भ नहीं गिराया जा सकता है। बत्तीस वर्षीय मूक-बधिर पीड़िता के साथ शहर के उस आश्रय गृह के एक लिपिक ने कथित तौर पर बलात्कार किया, जहां वह रहती है। उसके गर्भ धारण करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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