India | Reported by: भाषा |शनिवार जनवरी 1, 2022 06:42 PM IST अदालत ने कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक भ्रूण के एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने की संभावना बहुत कम है. जन्म के बाद शिशु को जीवन के शुरूआती समय में हृदय की सर्जरी कराने और किशोरावस्था या युवावस्था में फिर से यह सर्जरी कराने की जरूरत होगी, जिससे उसका पूरा जीवन चिकित्सकीय परिस्थिति और चिकित्सकीय देखभाल पर निर्भर हो जाएगा.