पुरी ट्रेन आग मामले में पुलिस को आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका

पुरी ट्रेन आग मामले में पुलिस को आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका

ट्रेन में लगी आग का फाइल फोटो

भुवनेश्‍वर:

पुरी में ट्रेन के डिब्बों में हाल ही में सिलसिलेवार ढंग से आग लगने के पीछे आतंकी संगठन की संलिप्तता की शंका जताते हुए ओडिशा पुलिस ने इस घटना की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मदद की मांग की है।

हम एनआईए से जांच चाहते हैं
ओडिशा के डीजीपी केबी सिंह ने कहा, 'हम ट्रेन में आग लगने की घटना की एनआईए जांच चाहते हैं क्योंकि ऐसी घटनाएं हैदराबाद, गया और खड़गपुर में भी हो चुकी हैं। पुरी में ट्रेन में आग लगने की घटना इस क्रम में चौथी घटना थी।' इस तरह की घटनाओं में एनआईए को विशेष विशेषज्ञता हासिल होने की बात कहते हुए सिंह ने कहा कि ओडिशा पुलिस ने एनआईए की मदद मांगी है।

गिरफ्तार रामचंद्रण ने दी जानकारी
डीजीपी ने कहा कि जीआरपी, ओडिशा एवं रेलवे सुरक्षा बल ने ट्रेन में आग लगने की घटना के पीछे एक से ज्यादा लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा किया है। इससे पहले आरपीएफ ने 12 नवंबर को पुरी में जलती ट्रेनों के पास से रामचंद्रण सुबास नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।

सुबास ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर यह दावा किया कि मुंबई में पांच आतंकियों ने एक आतंकी योजना तैयार की है, जिसके तहत देश के विभिन्न तीर्थस्थानों पर जाने वाली ट्रेनों में आगजनी की जानी है। जांच से जुड़े एक जीआरपी अधिकारी ने कहा कि हालांकि जांच एजेंसियां रामचंद्रन के बयान की पुष्टि करने में असमर्थ हैं इसलिए ओडिशा पुलिस ने एनआईए से मदद मांगी है।

तीन एक्सप्रेस ट्रेनों में लगी थी आग
सिंह ने कहा, 'हमें संदेह है कि देश में चार स्थानों पर ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं का आपस में कुछ संबंध है।' तमिलनाडु के निवासी रामचंद्रन ने यह भी दावा किया कि उसे आगजनी करने के लिए इस विध्वंसक समूह से लाखों रुपए मिले थे। पुरी रेलवे स्टेशन पर 12 नवंबर को तीन एक्सप्रेस ट्रेनों में आग लग गई थी। इस दौरान कम से कम चार बोगियां नष्ट हो गईं थीं लेकिन इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।

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