
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
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'संविधान में निहित आजादी समाज के एक बड़े हिस्से को नहीं मिल सकी है'
'समाज के कई तबके भय के माहौल में रह रहे हैं'
'फीस घटाने की मांग करने पर भी राष्ट्रविरोधी ठहरा दिया जाता है'
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कुमार ने कहा, 'देश में अभी भय का ऐसा माहौल है कि अगर आप पतंजलि का फेसवॉश इस्तेमाल नहीं करते तो आप राष्ट्रविरोधी कहे जाएंगे.' उल्लेखनीय है कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा शुरू की गई एफएमसीजी कंपनी है. वह डॉ बी आर अंबेडकर की जयंती के एक दिन पहले अपनी हिन्दी किताब के मराठी संस्करण 'बिहार ते तिहाड़' का विमोचन कर रहे थे.
कन्हैया ने कहा कि बाबासाहब ने ऐसा संविधान तैयार किया कि इसमें समाज के हर सदस्य को कई प्रकार से आजादी मुहैया कराई गई है, लेकिन संविधान में निहित आजादी समाज के एक बड़े हिस्से को नहीं मिल सकी है. उन्होंने दावा किया कि मौजूदा परिदृश्य में, 'गरीब, दलित, महिलाएं, आदिवासी, पिछडे वर्ग, अल्पसंख्यक और यहां तक कि बुद्धिजीवी सहित समाज के विभिन्न तबके भय में रहते हैं.'
कन्हैया ने कहा कि हाल ही में फीस वृद्धि का विरोध करने पर पंजाब विश्वविद्यालय के 68 छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि देश का मौजूदा परिदृश्य ऐसा है कि अगर आप फीस में कमी किए जाने की मांग करते हैं, तो आपको राष्ट्रविरोधी ठहरा दिया जाएगा.' (इनपुट भाषा से)
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