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This Article is From Jan 19, 2019

NDTV Exclusive : दिल्ली में बिजली उत्पादन करने वाले प्लांट के प्रदूषण से संकट में दस लाख लोग

दिल्ली के ओखला में कचरे से खाद और बिजली बनाने वाले प्लांट की उत्पादन क्षमता 16 से 40 मेगावाट करने के प्रस्ताव पर हंगामा

NDTV Exclusive : दिल्ली में बिजली उत्पादन करने वाले प्लांट के प्रदूषण से संकट में दस लाख लोग
दिल्ली के ओखला में स्थित तीमारपुर-ओखला वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी का प्लांट.
नई दिल्ली:

एक तरफ प्रदूषण से बुरी तरह घिरे दिल्ली शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं और दूसरी तरफ शहर के बीचोंबीच भारी प्रदूषण फैला रहे एक बिजली उत्पादन प्लांट को न सिर्फ अनदेखा किया जा रहा है बल्कि अब इसकी क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. ओखला में स्थित इस प्लांट के प्रदूषण से करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित हो रही है.
    
दिल्ली के सुखदेव विहार, जसोला, सरिता विहार, अबुल फजल, हाजी कॉलोनी, गफ्फार मंजिल, जौहरी फार्म, शाहीन बाग ईश्वर नगर, ज़ाकिर बाग सहित अन्य कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोग दिल्ली सरकार द्वारा तिमारपुर-ओखला वेस्ट मेनेजमेन्ट कंपनी के 16 मेगावाट के प्लांट की क्षमता 40 मेगा वाट करने के फैसले से भयभीत हैं. साउथ ईस्ट जिलाधिकारी ऑफिस ने प्लांट को 40 मेगा वाट करने के फैसले को लेकर 16 जनवरी को  जनसुनवाई आयोजित की थी. आसपास के निवासियों ने इस जनसुनवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसकी वजह से सुनवाई को स्थगित करना पड़ा.

सुखदेव विहार रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के रंजीव देवराज और जसोला हाइट्स के एसोसिएशन के अध्यक्ष शकील अहमद ने एनडीटीवी से कहा कि इस प्लांट में लगभग दो हजार टन कूड़ा जलाया जाता है, जिससे चिमनी के ज़रिए उठने वाले ज़हरीले धुंए से आसपास के 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं. जब सड़क पर कूड़ा जलने से फैलने वाले प्रदूषण पर सरकार गंभीर कार्रवाई करती है तो प्लांट से उठने वाले जहरीले धुंए को लेकर सरकार क्यों गंभीर नहीं है? जबकि इस इलाके का एक्यू 1400 को पार कर गया है. ये विचारणीय विषय है. उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट के ऊपर लगा यह प्लांट नियमों को अंगूठा दिखा रहा है. नियम के अनुसार ऐसे प्लांट आबादी वाले इलाके से बाहर लगाए जाते हैं.

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रंजीत देवराज ने कहा कि अभी जनसुनवाई भी नहीं हुई है तो फिर किस आधार पर इस प्लांट में नई चिमनियों का निर्माण किया गया. बिजली बनाने के नाम पर प्लांट में तीन बड़े बॉयलर लगाए गए. किसी कारण से अगर ये फटता है तो प्लांट से सटे रिहायशी इलाके में रह रहे सैकड़ों लोग मौत के मुंह में समा जाएंगे. क्या किसी बड़े हादसे का सरकार इंतजार कर रही है?   

ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल दिल्ली स्टेट के जनरल सेक्रेटरी और शाहीन बाग निवासी शकीलुर रहमान ने एनडीटीवी को बताया कि इस प्लांट के चारों ओर 3-4 किलोमीटर के दायरे में कई बड़े अस्पतालों के अलावा जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय है. प्लांट से निकलने वाले जहरीले धुंए से पूरे क्षेत्र में हमेशा बीमारियों का प्रकोप रहता है. बच्चे तरह-तरह की बीमारियां से जूझ रहे हैं. शकील कहते हैं कि जल्द ही वे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मिलेंगे. उन्हें एक मेमोरंडम दिया जाएगा और मांग की जाएगी कि प्लांट को तत्काल रिहायशी इलाके से बाहर शिफ्ट किया जाए.

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वॉलेंटियर्स ऑफ चेंज के कन्वीनर अब्दुल रशीद अगवान ने एनडीटीवी को बताया कि दिल्ली में प्रति दिन निकलने वाला कूड़ा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. ऐसे में कूड़े से बिजली बनाना काफी विशेषज्ञों को व सरकारों को भी एक बहुत अच्छा पर्यावरणीय विकल्प लगता है. मगर सवाल यह है कि इस विकल्प की तकनीक कौन सी होनी चाहिए? देश में इस तरह की सात परियोजनाएं बंद हो चुकी हैं और फिर भी इस परियोजना के लिए जनसुनवाई का झूठा नाटक करने की आवश्यकता क्यों? न तो कंपनी ने आज तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन किया और न अब तक इसके बुरे प्रभावों पर कोई काम किया. चिमनियों से निकलने वाले धुंए से हो रहे नुकसान का आकलन तक नहीं हुआ, मगर लोग जरूर उसको झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि परियोजना से निकलने वाली फ्लाई ऐश का निस्तारण तक नहीं हुआ? इस परियोजना से ओखला क्षेत्र के पेड़ मर रहे हैं.

एडीएम (साउथ-ईस्ट) राजीव सिंह प्रहार ने एनडीटीवी से कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हमको निर्देश मिला था कि तिमारपुर-ओखला वेस्ट मेनेजमेन्ट कंपनी के 16 मेगावाट के प्लांट को 40 मेगावाट करने के लिए जनसुनवाई रखी जाए. इसके मद्देनजर हमने जनसुनवाई रखी, लेकिन परियोजना स्थल के आसपास के निवासियों ने विरोध जताया. इस कारण जनसुनवाई को रद्द करते हुए डीपीसी और जिलाधिकारी साउथ-ईस्ट जिला को अगली जनसुनवाई की तारीख के लिए लिखा गया है. जनसुनवाई एवं अन्य प्रक्रिया के बाद ही इस परियोजना को 40 मेगावाट करने की मंजूरी मिल सकती है.

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सूत्र कहते हैं कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसी योजनाओं की स्वीकृति से पहले स्थानीय जिलाधिकारी के जरिए जनसुनवाई कराकर स्थानीय लोगों की राय लेता है. इसके बाद उसकी रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास भेजी जाती है. फिर उस प्रोजेक्ट पर निर्णय लेना केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का जिम्मा होता है. केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने एनडीटीवी से कहा कि वेस्ट टेक्नालॉजी एक क्लीन टेक्नालॉजी है. वैसे तो इससे नुकसान का सवाल पैदा नहीं होता है लेकिन अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो हम लोग गंभीरता से कदम उठाते हैं. उन्होंने कहा कि तिमारपुर-ओखला वेस्ट मेनेजमेन्ट कंपनी के 16 मेगावाट के प्लांट को 40 मेगावाट करने का मुद्दा है. वह दिल्ली पर्यावरण मंत्रालय के अधीन आता है.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एनडीटीवी से कहा कि तिमारपुर-ओखला वेस्ट मेनेजमेन्ट कंपनी के 16 मेगावाट के प्लांट को 40 मेगावाट करने पर अगर लोगों को कोई शिकायत है, प्लांट के प्रदूषण से उनको नुकसान है और वहां के लोग कोई शिकायत मेरे पास लेकर आते हैं तो मैं इसे गंभीरता से लूंगा. इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार को भी लिखूंगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की हमेशा से कोशिश रही है कि जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए.

 

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प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए आयोजित जनसुनवाई का स्थानीय लोगों ने विरोध किया.

बिजली और खाद उत्पादन के लिए यह प्लांट लगाया गया था लेकिन अब इसकी वजह से बीमारियां बढ़ रही हैं. प्लांट से निकलने वाला जहरीला धुंआ लोगों की ज़िंदगी में ज़हर घोल रहा है. पैदा होने से पहले ही नौनिहालों को इस प्लांट के प्रदूषण का प्रकोप झेलना पड़ रहा है. यही वजह है कि प्लांट के आसपास दिव्यांग बच्चे जन्म ले रहे हैं. प्रदूषण का बुरा असर निवासियों में सांस की गंभीर बीमारियों से लेकर कैंसर तक के रूप में देखा जाने लगा है. सरकार द्वारा इस गंभीर समस्या का समाधान किया जाना बहुत जरूरी है.

VIDEO : बिजली प्लांट से निकल रही घातक गैस

लगातार बढ़ता प्रदूषण देश की राजधानी के लिए संकट बन चुका है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के प्रदूषण और जाम के मामले की सुनवाई के लिए बनाई गई स्पेशल बेंच के जस्टिस अरुण मिश्रा को कहना पड़ा कि दिल्ली गैस चैम्बर बन गई है, यह रहने लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि  वे रिटायरमेंट के बाद दिल्ली छोड़कर चले जाएंगे. इससे पहले जस्टिस मदन भीमराव लोकुर भी प्रदूषण को लेकर कठोर टिप्पणी कर चुके हैं.

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