Mumbai Coronavirus: लंबे दीवाली उत्सव के दौरान मुंबई में अचानक कोरोना वायरस टेस्टिंग में 72% की गिरावट आई है, जिससे चिंता बढ़ रही है. मुंबई शहर में नवंबर में औसतन 13,000-14,000 परीक्षण हो रहे थे जो दस दिनों से कम होते होते चार हज़ार से भी अधिक कम हो चुके हैं. पांच नवंबर का टेस्टिंग 14 हज़ार पार थी. दस दिन बाद 15 नवंबर को ये 72% गिरकर 3,918 पर आ गई. बीएमसी डैशबोर्ड के अनुसार, बीते शनिवार को दिवाली के दिन मुंबई में केवल 5,399 टेस्ट किए गए थे.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित कोविड टास्क फोर्स के डॉक्टर बड़ी संख्या में घटी टेस्टिंग को बेहद चिंताजनक बता रहे हैं. कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा कि ‘'दिवाली के दिनों में मुंबई की टेस्टिंग घटकर काफ़ी कम हो गई है. कल के आंकड़े चार हज़ार से भी कम हैं. जाहिर है इस वजह से पॉज़िटिव पेशेंट पाँच सौ से भी कम आए हैं, ये बहुत चिंताजनक बात है. किसी भी हाल में डरना नहीं है. टेस्ट के साथ कोई स्टिग्मा एसोसिएट नहीं करना है. अगर कोरोना को मुंहतोड़ जवाब देना है तो उसका एक ही उपाए है टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट.''
बीएमसी मानती है कि दिवाली के दौरान काफी लोग टेस्टिंग के लिए अस्पतालों और टेस्टिंग केंद्रों में नहीं पहुंचे इसलिए अचानक संख्या में कमी दिख रही है. दिल्ली की नई कोविड लहर को देखकर मुंबई के डॉक्टर BMC को सचेत कर रहे हैं. डॉ मोहम्मद इरशाद फ़ारूक़ी ने कहा कि ‘'दिल्ली में आजकल जिस तरह से ठंड में हम देख रहे हैं कि मामले बढ़े हैं, एक और लहर चल रही है. मुमकिन है कि आने वाले महीने में यहां भी मामले बढ़ेंगे. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए और बीएमसी को टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए. और एसिम्पटोमेटिक या माइल्ड सिम्प्टम वाले मरीज़ों को जांच कर क्वारंटाइन करें ताकि दूसरों तक ये ना फैले.''
महाराष्ट्र सरकार का एक सर्कुलर 11 नवंबर को जारी हुआ जिसमें कहा गया है कि अगले साल जनवरी-फरवरी में महामारी की नई लहर आने की आशंका है और इसके मद्देनज़र जांच में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए. लेकिन इसी बीच राज्य स्तर पर भी टेस्टिंग में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. सितंबर और अक्टूबर की शुरुआत में लगभग 90,000 टेस्टिंग प्रतिदिन होती थी जो 45,000-50,000 तक गिरी है.
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