Delhi Lockdown: लॉकडाउन के बीच दिल्ली में एक परिवार ने दिल्ली पुलिस से मदद मांगी की उन्हें पहले से तय अपने बेटे की शादी करनी है. दिल्ली पुलिस ने फौरन मदद की. शादी में केवल 6 लोग शामिल हुए और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए शादी संपन्न हो गई.
खुशहाल वालिया और पूजा वालिया दोनों ने लॉकडाउन के बीच अपने रिश्ते को लॉक कर लिया, लेकिन इनकी मदद पुलिस नहीं करती तो शायद इनके सपने टूट जाते. लॉकडाउन के बीच दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में रहने वाले नरेश वालिया ने अपने एक दोस्त निशिकांत से मदद मांगी और कहा कि उनके बेटे की पहले से तय शादी 25 अप्रैल की है. वो शादी करना चाहते हैं लेकिन लॉकडाउन में घर से कैसे निकलें और शादी कैसे हो?
खुशहाल के पिता नरेश वालिया ने कहा कि शादी 4 महीने पहले फिक्स हो गई थी. इसके कार्ड छप गए थे. कार्ड बंट भी गए थे. हमारे परिवार ने भी कहा था कि जब शादी तय हो गई है तो चाहे चुन्नी चढ़ाकर ले आओ ,लेकिन ले आओ.
निशिकांत ने कालका जी थाने में तैनात अपने जानकार हेड कॉन्स्टबेल संजीव वोहरा और अनिल को फोन किया. इन दोनों पुलिस कर्मियों ने ये बात थाने के एसएचओ को बताई. फिर क्या था, शादी की तैयारियां शुरू हो गईं. संजीव और अनिल बाराती बनकर दो पुलिस जिप्सी लेकर पहुंचे और खुशहाल और उसके माता पिता को ग्रेटर कैलाश आर्य समाज मंदिर में ले आए. पूजा अपने परिवार के साथ यहीं रहती हैं. दोनों की शादी हुई. लॉकडाउन के चलते शादी में कुल 4 लोग शामिल हुए, जो खुशहाल और पूजा के माता पिता थे.
खुशहाल वालिया ने कहा कि जब हम शादी में जाते थे तो देखते थे कि हमारी भी शादी ऐसे ही होगी... बैंड बाजा बरात, वेन्यू होगा अच्छा सा. प्लानिंग भी ऐसी ही की थी. लेकिन कोरोनो के कारण ऐसा नहीं हो सका और हमने ऐसे हालात में शादी की. पूजा वालिया ने कहा कि सोचा तो कुछ और ही था, पर जैसा हुआ, अच्छा हुआ. एक यूनिक तरीके से हुई है तो डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए,सभी नियम फॉलो करते हुए हमने शादी की.
शादी के लिए फूलों की माला नहीं मिली तो दोनों ने प्लास्टिक की मालाएं पहनीं. शादी के वक्त हेड कॉन्स्टबेल संजीव ने पूजा को चुनरी और नारियल दिया और पूजा और खुशहाल ने बदले में संजीव और अनिल को सैनिटाइजर और मास्क गिफ्ट किया. शादी के बाद पुलिस वर वधु को पुलिस जिप्सी में उनके घर छोड़कर आई. ये परिवार और इनके जानकर पुलिस का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे.
नरेश वालिया के दोस्त निशिकांत ने कहा कि मैंने अनिल कुमार जी और संजीव वोहरा जी से प्रार्थना की. उन्होंने एसएचओ से बात कर ये सारी व्यवस्था की. मैं आभारी हूं इन दोनों लोगों का. भगवान के रूप में इन लोगों ने मिलकर हमारे साथ काम किया. मैं इन दोनों मित्रों का जीवन भर आभारी रहूंगा.
कालका जी के एसएचओ संदीप घई ने कहा कि सेक्शन 144 लगा है, उसका पूरा ध्यान रखा गया. लड़का लड़की और उनके माता पिता के अलावा कोई नहीं था. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया और वापसी में भी इन्हें घर तक छोड़ा गया.
पेशे से आईटी प्रोफेशनल खुशहाल और पूजा जब घर पहुंचे तो उनकी गली, छतों और घरों की बॉलकनी में खड़े लोगों ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया. आगे-पीछे पुलिस और बीच में दुल्हन के साथ दूल्हेराजा..न बारात न बैंड बाजा.. लॉकडाउन के बीच यह शादी यादगार रही है.