हैदराबाद : विश्वविद्यालय परिसर में ‘गोमांस’ और ‘सुअर मांस’ उत्सव पर पुलिस सख्त

हैदराबाद : विश्वविद्यालय परिसर में ‘गोमांस’ और ‘सुअर मांस’ उत्सव पर पुलिस सख्त

प्रतीकात्मक फोटो

हैदराबाद:

उस्मानिया विश्वविद्यालय में एक ही दिन ‘गोमांस’ और ‘सुअर के मांस’ का उत्सव आयोजित करने वाले छात्रों के विरोधी गुटों के बीच संभावित टकराव को टालने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि वह परिसर में शांति बिगाड़ने वाले किसी आयोजन की इजाजत नहीं देगी।

सभी प्रकार के उत्सवों पर प्रतिबंध
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी क्षेत्र) ए रवींद्र ने कहा, ‘उस्मानिया विश्वविद्यालय के परिसर में अगले आठ दिन में प्रस्तावित आयोजनों के संबंध में परिसर में अमन चैन बनाए रखने के लिए छात्रों या संगठनों या समूहों द्वारा परिसर में कोई उत्सव मनाने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया है।’ डीसीपी ने शांति के लिए विद्यार्थियों का सहयोग भी मांगा और कहा कि परिसर में अमन चैन बनाए रखने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जाएंगे।

छात्र संगठनों में टकराव
वामपंथी छात्र संगठनों ने घोषणा की है कि वे 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर परिसर में ‘गोमांस उत्सव’ मनाएंगे। दूसरी तरफ छात्रों के एक अन्य समूह ने उसी दिन इस आयोजन के समानांतर ‘सुअर मांस का उत्सव’ आयोजित करने की घोषणा की और इससे दोनों के बीच टकराव की जमीन तैयार हो गई।

भाजपा विधायक के आह्वान से बढ़ा विवाद  
भाजपा विधायक राजा सिंह ने विवाद को बढ़ाते हुए कहा था कि वह प्रस्तावित ‘गोमांस उत्सव’ को रोकेंगे और उन्होंने उस दिन ‘चलो विश्वविद्यालय’ मार्च निकालने के लिए आह्वान किया था। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि ‘गोमांस उत्सव’ और ‘गौ पूजा’ जैसी गतिविधियों की परिसर में इजाजत नहीं दी जाएगी, जिनका अकादमिक कामकाज या अनुसंधान से कोई लेनादेना नहीं है।

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सरकार को पत्र लिखेंगे राज्य अल्पसंख्यक  आयोग के अध्यक्ष
इस बीच आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने कहा कि वह तेलंगाना सरकार को पत्र लिखकर राजा सिंह के कथित भड़काऊ बयानों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। विधायक ने कथित तौर पर बयान दिया था कि वह ‘गायों की रक्षा के लिए मार देंगे या मर जाएंगे।’ इस बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा, ‘तेलंगाना सरकार को मामले को गंभीरता से देखना होगा और हम इस संबंध में सरकार को भी पत्र लिखेंगे।’ सिंह के भाषणों को लेकर शिकायतों के बाद आयोग ने राज्य सरकार और पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी।