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This Article is From Jul 19, 2023

दिल्ली में फिर बाढ़ का खतरा मंडराया, यमुना के जलस्तर ने खतरे का निशान पार किया

दिल्ली में यमुना का जलस्तर बुधवार को सुबह एक बार फिर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया

दिल्ली में फिर बाढ़ का खतरा मंडराया, यमुना के जलस्तर ने खतरे का निशान पार किया
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों (कैचमेंट एरिया) में पिछले दो दिनों में हुई बारिश के बीच दिल्ली में यमुना का जलस्तर बुधवार को सुबह एक बार फिर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया. यमुना का जलस्तर करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे गया था. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, शाम छह बजे यमुना का जलस्तर 205.80 मीटर तक पहुंच गया, जिसके गुरुवार को तड़के चार बजे तक घटकर 205.45 मीटर होने का अनुमान है.

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की प्रवाह दर में मंगलवार को अपराह्न मामूली वृद्धि देखी गई, जो 50,000 से 60,000 क्यूसेक के बीच थी. प्रवाह दर बुधवार को सुबह सात बजे तक घटकर 39,000 के आस-पास रही. एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है.

यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को रात आठ बजे खतरे के निशान 205.33 से नीचे हो गया था, जो जोरदार बारिश के बाद बीते आठ दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. जलस्तर के फिर से बढ़ने से पहले बुधवार तड़के पांच बजे यमुना में जलस्तर 205.22 मीटर था.

जलस्तर बढ़ने की वजह से राजधानी के जलमग्न निचले इलाकों में रह रहे प्रभावित लोगों के पुनर्वास कार्यों की गति धीमी हो सकती है और उन्हें ज्यादा वक्त तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है.

जलस्तर बढ़ने से पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद के एक पंप हाउस में पानी भर जाने की वजह से बीते चार-पांच दिन तक प्रभावित थी और मंगलवार को ही सामान्य हुई थी. यह पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों को पानी की आपूर्ति करता है, जो मिलकर राजधानी में 25 प्रतिशत पानी की आपूर्ति करते हैं.

गौरतलब है कि ओखला जल शोधन संयंत्र ने शुक्रवार को, चंद्रावल ने रविवार को और वजीराबाद ने मंगलवार को काम करना शुरू कर दिया.

दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक अधिकारी ने मंगलवार शाम को कहा, पल्ला में नदी के बाढ़ क्षेत्र में कुछ ट्यूबवेल में पानी भर जाने के कारण प्रतिदिन केवल 10-12 मिलियन गैलन पानी की कमी हुई है. डीजेबी पल्ला बाढ़ के मैदानों में स्थापित ट्यूबवेल से प्रतिदिन लगभग 30 मिलियन गैलन पानी निकालता है.

गुरुवार को 208.66 मीटर के शिखर पर पहुंचने के बाद यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा था. बहरहाल, सोमवार को जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन जलस्तर में फिर से कमी होनी शुरू हो गई थी.

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