एनडीए की बैठक में मौजूद घटक दलों के नेता।
नई दिल्ली: बिहार चुनाव में अब गणित एनडीए खेमे का कैसा रहेगा, नज़र इस पर रहेगी। एनडीए के सीट बंटवारे पर पहली बैठक हुई भाजपा अध्यक्ष अध्यक्ष अमित शाह के घर पर, लेकिन किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी यह तय नहीं हो सका। लेकिन यह जरूर हुआ कि सभी घटक दलों पर सीटों को लेकर सार्वजनिक तौर पर बोलने पर रोक लगा दी गई।
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान ने बाहर निकलकर कहा कि सब अच्छे माहौल में बात हुई है और जल्द ही सीटों का ऐलान हो जाएगा। उन्होंने महागठबंधन पर आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का इतना अपमान कभी नहीं हुआ। कल पटना के गांधी मैदान में हुई स्वाभिमान रैली में सोनिया गांधी का भाषण शरद यादव, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव से पहले हुआ। बहरहाल यह साफ है कि कल की रैली में भीड़ को देखकर बीजेपी चौकन्नी जरूर हो गई है। जीतन राम माझी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा जताया। इसके बावजूद सीटों के बंटवारे के फारमूले को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
इससे पहले सीटों को लेकर अंदरूनी रस्साकशी की खबरें आती रही हैं। लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने बीजेपी को पहले की तरह 102 सीटों पर चुनाव लड़ने और बाकी की 141 सीटें सहयोगियों को देने की मांग की है। इससे पहले जेडीयू बीजेपी के साथ 243 सीटों में से सिर्फ 102 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है, लेकिन अब बीजेपी के जानकारों का कहना है कि पार्टी किसी भी कीमत पर 160 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
मुश्किल यह है कि रामविलास पासवान अपनी पार्टी के लिए 75 से 80 सीटें चाहते रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि बीजेपी 30 तक ही देना चाहती है। उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पार्टी के लिए 67 सीटें चाहते हैं और बाकी 74 के बारे में चाहते हैं कि वह पासवान को दी जाएं। कुशवाहा जो कि केन्द में मंत्री हैं, का कहना है कि बीजेपी को 102 सीटों से ज्यादा पर नहीं लड़ना चाहिए। चर्चा यह भी है कि कुशवाहा मुख्यमंत्री बनने के तलबगार हैं और इसके लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि वे लालू प्रसाद यादव से सम्पर्क में हैं। दिल्ली में भी उनके आदमी ने हार्दिक पटेल के कार्यक्रम का आयोजन किया था। अब खबर है कि अमित शाह ने उन्हें बुलाकर साफ कर दिया है कि आप कोई भी निर्णय ले सकते हैं, अलग भी हो सकते हैं।
जीतनराम माझी अपने मोर्चे के लिए 60 सीटें मांग रहे हैं। जेडीयू ने जिस तरह से आरजेडी को 100 सीटें अपने बराबर और कांग्रेस को 40 सीटे दे दी हैं इससे बीजेपी के सहयोगियो में उत्सुकता और बेचैनी बढ़ रही है। तो समस्या से कुछ दिनों की राहत के लिए बीजेपी सीटों के बंटवारे का ऐलान प्रधानमंत्री की रैलियों के बाद ही करेगी ताकि रैलियों पर मनमुटाव का असर न पड़े। 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस का इंतजार है। तब तक शायद चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो जाएगा और सीटों का भी।