केंद्र सरकार ने बड़े स्तर पर महत्वपूर्ण खरीफ फसलों (Kharif Crops) की उपज के बेहतर प्रबंध की तैयारी शुरू कर दी है. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के मुताबिक 27 अगस्त, 2024 तक महत्वपूर्ण खरीफ फसलों की बुआई का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी चावल की बुआई में दर्ज की गई है, जबकि दलहन की बुआई भी करीब 7 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गई है. ऐसे में खाद्य उत्पादन में इजाफे का अनुमान लगाया जा रहा है.
किसान दुष्यंत शर्मा दशकों से गाजियाबाद के कन्नौजा गांव में चावल की खेती करते रहे हैं. उनकी खरीफ सीजन में बोई चावल की फसल लगभग तैयार है. इस सीजन में उन्होंने 7 एकड़ खेत में चावल की फसल की बुआई की थी, क्योंकि माहौल बेहतर रहा.
आंकड़ों से जानिए खरीफ की बुआई का हाल
इसका असर कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में भी दिखता है. मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक :
- 27 अगस्त तक महत्वपूर्ण खरीफ फसलों की बुआई का क्षेत्रफल 1065 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले करीब 20 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
- सबसे ज्यादा बढ़ोतरी धान की फसल की बुआई में दर्ज हुई है.
- 27 अगस्त 2023 तक धान की बुआई 378.04 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जो इस साल बढ़कर 394.28 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है.
- इस खरीफ सीजन के दौरान चावल की बुआई का क्षेत्रफल 16 लाख हेक्टेयर से कुछ ज्यादा बढ़ गया है.
- दलहन फसलों की बुआई भी पिछले साल के मुकाबले करीब 7 लाख हेक्टेयर बढ़कर 122.16 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है.
भारत सरकार ने 19 जून, 2024 को कॉमन वैरायटी के धान की एमएसपी इस खरीफ सीजन के लिए 117 रुपये बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था.
किसानों को अच्छी फसल होने की उम्मीद
कन्नौजा गांव के किसान सत्यपाल कहते हैं कि खेती पर खर्च बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस सीजन में फसल अच्छी होने की उम्मीद है और कमाई भी. सत्यपाल ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने 4 एकड़ में धान बोई है. खाद, बीज, कीटनाशक महंगा हुआ है... लेकिन 25 से 30 हजार रुपये प्रति एकड़ कमाई की उम्मीद है क्योंकि इस साल फसल अच्छी हुई है."
उनके पड़ोसी प्रमोद कहते हैं कि कॉमन वैरायटी की धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल की MSP रेट पर्याप्त नहीं है. सरकार को और ज्यादा रेट तय करना चाहिए था. उनकी शिकायत है कि अक्सर मंडियों में किसानों को उनकी उपज के लिए तय MSP रेट नहीं मिल पाता है. प्रमोद ने कहा कि सरकार को MSP को और दुरुस्त और कारगर बनाने के लिए पहल करनी होगी, जिससे दिल्ली में तय होने वाले MSP रेट पर किसान अपनी उपज मंडियों में बेच सकें.
पहुंचने लगी है बासमती की पहली खेप
कन्नौजा गांव से करीब 5-6 किलोमीटर गोविंदपुरम नवीन अनाज मंडी में बासमती 1059 वैरायटी की चावल की पहली खेप पहुंचने लगी है, लेकिन किसानों को व्यापारी बहुत कम कीमत दे रहे हैं. इसीलिए किसानों ने बासमती चावल के स्टॉक को अभी नहीं बेचने का फैसला किया है.
उधर, वाणिज्य भवन में सभी राज्यों के खाद्य सचिवों की गुरुवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें किसानों के उपज की प्रोक्योरमेंट की तैयारियों का जायज़ा लिया गया.
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