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पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ खड़ा NSE, परिजनों को कुल 1 करोड़ देने का किया वादा

NSE के MD और CEO आशीष कुमार चौहान ने कहा, “यह हमारे देश के लिए सामूहिक शोक का समय है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. हम उनकी मदद के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.”

पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ खड़ा NSE, परिजनों को कुल 1 करोड़ देने का किया वादा
NSE के प्रबंध निदेशक (MD) और सीईओ (CEO) आशीष चौहान ने कहा कि वे इस कठिन समय में पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.
नई दिल्ली:

Pahalgam Terror Attack: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई है. इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की मदद के लिए NSE ने कुल 1 करोड़ रुपये की सहायता देने का वादा किया है. हर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे.इस फैसले के जरिये NSE ने इस मुश्किल घड़ी में पूरे देश के साथ खड़े होने का संदेश दिया है. 

एनएसई के प्रबंध निदेशक (MD) और सीईओ (CEO) आशीष चौहान ने कहा कि वे इस कठिन समय में पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, "हम 22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले से बहुत दुखी हैं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई. इस मुश्किल समय में पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, एनएसई ने पीड़ितों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए देने का संकल्प लिया है.''

NSE के MD और CEO आशीष कुमार चौहान ने कहा, “यह हमारे देश के लिए सामूहिक शोक का समय है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. हम उनकी मदद के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.”

LIC भी हमले के पीड़ितों की सहायता के लिए तैयार

इससे पहले, भारतीय जीवन बीमा निगम ने घोषणा की थी कि वह आतंकवादी हमले के पीड़ितों की सहायता के लिए तैयार है और वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए दावों के निपटान में तेजी लाएगी. एलआईसी ने एक स्टेटमेंट में कहा, "भारतीय जीवन बीमा निगम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करता है."

एलआईसी के बयान में कहा गया है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले, आतंकवादी हमले के कारण पॉलिसीधारक की मृत्यु के सरकारी रिकॉर्ड में मौजूद कोई भी सबूत मृत्यु के सबूत के रूप में स्वीकार किया जाएगा. इसके अलावा, केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा भुगतान किया गया कोई भी मुआवजा मृत्यु का सबूत माना जाएगा.

एलआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, "दावेदारों तक पहुंचने और प्रभावित परिवारों के दावों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे."

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