
भारत का फार्मा निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 30 बिलियन डॉलर को पार कर गया, जिसमें अमेरिका देश के फार्मा निर्यात का एक तिहाई से अधिक हिस्सा रखने वाला प्रमुख बाजार बना हुआ है. यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में फार्मा निर्यात 30,467.32 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2024 के 27,851.70 मिलियन डॉलर से 9 प्रतिशत अधिक है.
आंकड़ों के अनुसार, मार्च के महीने में फार्मा निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने के 2,805.71 मिलियन डॉलर से बढ़कर 3,681.51 मिलियन डॉलर हो गया. वित्त वर्ष 2025 में मूल्य के संदर्भ में अमेरिका को निर्यात 14.29 प्रतिशत बढ़कर 8,953.37 मिलियन डॉलर हो गया. पिछले वित्त वर्ष में भारत के फार्मा निर्यात में टॉप पर रहने वाले दूसरे देशों में यूके, ब्राजील, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका थे.
इस बीच पिछले महीने एक रिपोर्ट में कहा गया था कि घरेलू फार्मास्यूटिकल्स बाजार में वित्त वर्ष 2026 में सालाना आधार पर 8-9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए इस क्षेत्र में वृद्धि सालाना आधार पर 7.5-8.0 प्रतिशत होगी. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर कृष्णनाथ मुंडे ने कहा कि इस क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी." फरवरी में फार्मा बाजार ने सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत का राजस्व दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि कीमत और नए लॉन्च में बढ़ोतरी होने के कारण दर्ज की गई है. कीमत को लेकर सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत दर्ज की गई और नए लॉन्च को लेकर सालाना आधार पर 2.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वॉल्यूम वृद्धि सालाना आधार पर नकारात्मक 0.2 प्रतिशत बनी रही. वित्त वर्ष 2025 में इस क्षेत्र ने औसतन 7.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की. इसमें मूल्य वृद्धि (5.5 प्रतिशत), नए लॉन्च की वृद्धि (2.7 प्रतिशत) और वॉल्यूम वृद्धि शामिल है. देश में फार्मा क्षेत्र में उत्पादन में तेजी देखी जा रही है. मैकिन्से एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मा क्षेत्र 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा है और 2024 में निर्यात दरों में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर भी बन गया है, जिसकी फार्मा निर्यात वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है.
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