वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है. बजट में बड़ी योजनाओं की बात करें तो अमीरों पर सरचार्ज बढ़ा दिया गया है. अब 5 करोड़े से ज्यादा आय वालों को सालाना 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ सालाना आय वालों को 3 फीसदी सरचार्ज देना पड़ेगा. इसके अलावा सोना, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है. वहीं थोड़ी राहत भी मिली है. अब 45 लाख तक के घर पर 3.5 लाख तक का ब्याज में छूट मिलेगी. पहले यह सीमा 2 लाख थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक परंपरा से अलग हटते हुए बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में न लेकर एक लाल रंग के कपड़े में रखा और उसके ऊपर अशोक चिन्ह लगा था. इस पर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन का कहना है कि वित्त मंत्री ने लाल रंग के कपड़े में बजट दस्तावेज को रखा है. यह एक भारतीय परंपरा है. यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक है. यह बजट नहीं है, 'बही खाता' है.
Budget 2019 Highlights
- पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 1 रुपया बढ़ा, सोने पर ड्यूटी 10 से 12.5 फीसदी हुआ
- वित्त मंत्री ने कहा- 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट
- जो लोग ऊंची आय वाले हैं 5 करोड़ से ऊपर सालाना आय वालों पर अब 7 फीसदी और 2 से 5 करोड़ की सालाना आय वालों पर 3 फीसदी और सरचार्ज
-बैंक से एक करोड़ से ऊपर निकालने पर 2 फीसदी टीडीएस लगेगा.
- स्टार्ट अप कंपनियां अगर डॉक्यूमेंट जमा करती हैं तो उनको एंजेंल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
- अब रिटर्न, पैन कार्ड न होने पर आधार कार्ड से भी भरा जा सकेगा.
- 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट. इससे पहले 2 लाख थी.
- इलेक्ट्रानिक गाड़ी बनाने पर अब 1.50 लाख तक की छूट.
- इलेक्ट्रानिक गाड़ियों पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी.
-सालाना 5 लाख रुपये से कम आय वालों पर कोई टैक्स नहीं
- 400 करोड़ तक की कंपनी पर 25 फीसदी तक का टैक्स का प्रस्ताव.
- मैं आयकर दाताओं को धन्यवाद देती हूं. करदाताओं के पैसे से ही देश का विकास. डायरेक्ट टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई है. पांच साल में 78 फीसदी प्रत्यक्ष टैक्स बढ़ा है.
-1,2,5,10,20 रुपये के सिक्के जारी किए गए हैं. इनको जल्द ही जनता के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.
- भारत का कर्ज जीडीपी से 5 फीसदी से कम भी है.
- एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव.दूसरी कंपनियों में भी निजी पूंजी को न्यौता. इस साल 105000 करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्य.
- रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएगा.
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां अब आरबीआई के नियंत्रण में रहेगी.
- सरकारी बैंकों का सफल पुनर्गठन किया जाएगा. सरकारी बैंकों को लोन के लिए 70 हजार करोड़ दिया जाएगा.
- कमर्शियल बैंकों का एनपीए 1 लाख करोड़ कम हुआ है. डोमेस्टिक क्रेडिट ग्रोथ 13 फीसदी तक बढ़ी है.
- 17 आइकॉनिक सैलानी जगहों का विकास किया जाएगा.
- इस साल 4 और दूतावास खोले जाएंगे. दुनिया में अपनी और पहुंच बढ़ाए जाने के कदम उठाए जाएंगे.
- भारतीय पासपोर्ट वाले एनआरआई को मिलेगा आधार कार्ड.
- असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लिए पेंशन दी जाएगी.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी एक सुनहरी कहानी है. नारी टू नारायणी हमारा मंत्र है. हमारी योजनाओं से महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिला है. एसएचजी से जुड़ी महिला को 5 हजार का ओवर ड्राफ्ट दिया जाएगा.
- 35 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए. 18341 करोड़ की बिजली बचाए गए.
- सरकार श्रम कानूनों को दुरुस्त करेगी इसमें सुधार का प्रस्ताव. 4 नए लेबर कोड्स बनाए जाएंगे. स्टार्ट अप के लिए दूरदर्शन में कार्यक्रमों की शुरुआत होगी.
- खेलो इंंडिया योजना के लिए नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड बनाया जाएगा ताकि खेलों को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
- 2 आईआईटी और 1 आईआईएम दुनिया के 200 शीर्ष संस्थानों में शामिल हुए हैं. अब हम विदेशी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आकर्षित करेंगे. स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत होगी. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा.
- स्कूल और कॉलेज स्तर बनाया जाएगा. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया जाएगा. सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आएगी. सभी मंत्रालयों का फंड एनआरएफ से जुड़ेगा.
- राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र बनाया जाएगा.
- 95 फीसदी शहर खुले में शौच से मुक्त हुए हैं. 47 लाख शहरी घरों का निर्माण शुरू हो गया है. भारत में तेज शहरीकरण एक अवसर है.
- 2 करोड़ ग्रामीण डिजिटल साक्षर बनाए गए. डिजिटल साक्षरता को और बढ़ाया जाएगा.
- स्वच्छ भारत अभियान ने देश की चेतना को छुआ है. 5.6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं. 1 करोड़ लोगों ने स्वच्छता ऐप लांच किया है.
- 2022 तक जल जीवन मिशन में हर घर में जल पहुंचाने का लक्ष्य.
-हजार दिन में रोज 135 किमी सड़क बनाई जाए.
-जीरो बजट खेती की ओर लौटने का लक्ष्य.
-एविएशन, मीडिया, एनिमेशन, एवीजीसी और इंश्योरेंस में 100 फीसदी एफडीआई के बारे में विचार किया जाएगा.
- एक लाख किमी तक सड़कों को बेहतर किया जाएगा.
- इसरो के लिए नई कंपनी-न्यू इंडिया स्पेस लिमिटेड
- अंतरिक्ष में भारत की क्षमता बढ़ाने पर जोर है.
- मछली उद्योग ग्रामीण भारत के लिए अहम है.
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्रीन तकनीकी.
- उज्जवला योजना की वजह से देश की महिलाओं को धुएं से छुटकारा मिला है, हमने महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालय बनवाएं
- पीएम आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ घर बनाए गए. अगले दो साल 1.95 करोड़ घर बनाने की योजना
-गांव, गरीब और किसान हर कार्यक्रम के केंद्र बिंदु. 2022 तक हर ग्रामीण के घर में बिजली पहुंच जाएगी.
- हमारी अर्थव्यवस्था 2014 में 1.85 खरब डॉलर से 2.7 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंची, हम अगले कुछ वर्षों में बहुत अच्छी तरह से 5 खरब डॉलर तक पहुँच सकते हैं
-PSU की जमीनों पर सस्ती हाउसिंग योजना का प्रस्ताव
- NRI के लिए विदेशी निवेश पोर्टफोलियो.
-रेलवे में पीपीपी मॉडल के लिए विकास पर जोर
- बीमा मध्यस्थों के लिए 100 फीसदी विदेशी निवेश. हम भारत में और विदेश निवेश को बढ़ावा देंगे.
- नई योजनाएं व्यापार को और बढ़ावा देंगी. भारत में अभी तक मजबूत विदेशी निवेश रहा है.
- सामाजिक संस्थाओं के भी स्टॉक एक्सचेंज में जगह. सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाया जाएगा.
- बाहरी निवेशकों के लिए आसान KYC बनाया जाने का प्रस्ताव.
- हमारी कोशिश है कि बिना किसी अड़चन के निवेश का बढ़ावा दिया जाए.
-MSME के ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा.
- तीन करोड़ का दुकानदारों को पेंशन दी जाएगी. लघु एवं उद्योगों के लिए तुरंत लोन देने की भी नीति
- रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए भी नीति. 2020 में जलमार्ग के दो और टर्मिनल बनाने की तैयारी
- बुनियादी ढांचें में बड़ा निवेश की जरूरत है. हर साल 20 लाख करोड़ निवेश की जरूरत
-बिजली के लिए वन नेशन, वन ग्रिड की बात शुरू की गई है.
- देश में लाइसेंस राज खत्म हो गया है. केंद्रीय बजट 2019 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है, जीएसटी-पंजीकृत एमएसएमई के लिए आवंटित 350 करोड़ हैं.
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर अब सरकार का जोर है. तीन साल में 10 हजार करोड़ खर्च किया जाएगा.
-शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच खाई कम हुई है.
- 300 किलोमीटर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई. जलमार्ग प्रोजेक्ट से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
-पीएम ग्राम सड़क योजना से कनेक्टिविटी बढ़ी मिली है. भारत माला, सागर माला परियोजनाओं, उड़ान योजनाओं के जरिए भौतिक संबंद्धता को बढ़ावा मिला है
- रोजगार बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है. भारतीय उद्योग अब रोजगार पैदा कर रहे हैं. हमने अपनी योजनाओं को लागू किया है.
- बड़े सुधारों से आम आदमी की सेवा की जा रही है.
- मुद्रा योजना से आम आदमी की हालत में बदलाव किया है.
- इसी साल 3 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था हो जाएगी.
- प्रदूषण रहित भारत बनाने की कोशिश है.
- 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है
- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है.
- काम करने वाली सरकार को मिला है बहुमत. एक स्थिर भारत के लिए मिला है जनादेश. हमें पूर्ण बहुमत मिला है.इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, सभी वर्गों के मतदाताओं का साथ मिला: वित्त मंत्री
सेंसेक्स शुरुआत में ही 40 हजार के पार खुला
Sensex at 40,027.21, up by 119.15 points. #Budget2019 pic.twitter.com/bPiscvNZsK
— ANI (@ANI) July 5, 2019
परंपरा के मुताबिक बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की मुलाकात
Rashtrapati Bhavan: As per tradition, Finance Minister Nirmala Sitharaman calls on President Ramnath Kovind before presenting the Union Budget pic.twitter.com/5vOMn9qj2H
— ANI (@ANI) July 5, 2019
वित्त मंत्रालय के बाहर की तस्वीर
Finance Minister Nirmala Sitharaman, MoS Finance Anurag Thakur, Finance Secretary S C Garg, Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramanian and other officials outside Finance Ministry. #Budget2019 to be presented at 11 am in Lok Sabha today pic.twitter.com/oCyrMSNg7N
— ANI (@ANI) July 5, 2019
क्या आपको पता है?
संसद में बजट पेश करने वाली पहली महिला इंदिरा गांधी थी. सबसे लंबा बजट भाषण पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में दिया था और मोरारजी देसाई ने सबसे ज़्यादा 10 बजट पेश किए हैं.
'भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यस्था बनने के लिए 8 फीसदी विकास दर की दरकार'
8 फीसदी की रफ्तार तक ले जाना है जीडीपी
फिलहाल हमारी विकास दर 7 फीसदी की है और 5 ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल करने के लिए इसे 8 फीसदी की रफ्तार तक ले जाना होगा-इसके लिए निवेश काफ़ी बढ़ाना होगा और वित्तीय घाटे को भी नियंत्रण में रखना होगा जो फिलहाल 5.8 फ़ीसदी है. बजट से पहले आया आर्थिक सर्वेक्षण बता रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में जितनी उम्मीद है उतनी ही चुनौतियां भी हैं. सरकार ने पांच साल में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने का जो लक्ष्य तय किया है, उसके लिए कई अहम क़दम उठाने होंगे.
रवीश कुमार का प्राइम टाइम: आर्थिक सर्वे पर क्या कहता है विपक्ष?
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