प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
रेलयात्री की सुवधिा को ध्यान में रखते हुए आगामी बजट में देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्केलेटर और लिफ्ट लगाने का प्रावधान किया जाएगा. इससे वृद्ध एवं शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति समेत सभी यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर ऊंचाई पर चढ़ने उतरने में सहूलियत मिलेगी.
पूरे देश के रेलवे नेटवर्क में कुल 2,589 स्केलेटर लगाए जाएंगे, जिनमें कांदिवली, मटुंगा, बांद्रा, चर्चगेट, दादर, एफिफिंस्टन रोड, महालक्ष्मी और योगेश्वरी समेत पूरे मुंबई में 372 स्टकेलेटर लगाने की योजना है.
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया बड़े पैमाने पर स्केलेटर और लिफ्ट लगाने से प्रति इकाई लागत में कमी आएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक स्केलेटर पर एक करोड़ रुपये की लागत आती है जबकि एक लिफ्ट पर 40 लाख रुपये खर्च होते हैं.
रेलवे ने हाल ही कहा था कि शहरी और उपनगरीय इलाकों के रेलवे स्टेशनों पर स्केलेटर लगाने के लिए वहां की आमदनी की जगह रेल यात्रियों की संख्या को मानक बनाया है.
नए मानक के मुताबिक, जिन रेलवे स्टेशनों पर 25,000 या उससे अधिक यात्री नियमित तौर पर पहुंचते हैं वहां लिफ्ट व स्केलेटर की सुविधा प्रदान की जाएगी. पहले इसके लिए रेलवे स्टेशन की सालाना आय आठ करोड़ रुपये से 60 करोड़ रुपये होना आवश्यक थी.
अधिकारी ने बताया कि इस बार रेल बजट में सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. लिहाजा, शहरी और उपनगरीय इलाकों के सभी प्रमुख स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अगले वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में स्केलेटर लगाने के प्रावधान को अंतिम रूप दिया गया है.
रेल बजट को आम बजट में ही शामिल कर लेने के बाद से पिछले साल से रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाता है. इस बार एक फरवरी को वित्तमंत्री आम बजट में समाहित रेलवे के लिए बजटीय प्रावधान पेश करेंगे.
पूरे देश के रेलवे नेटवर्क में कुल 2,589 स्केलेटर लगाए जाएंगे, जिनमें कांदिवली, मटुंगा, बांद्रा, चर्चगेट, दादर, एफिफिंस्टन रोड, महालक्ष्मी और योगेश्वरी समेत पूरे मुंबई में 372 स्टकेलेटर लगाने की योजना है.
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया बड़े पैमाने पर स्केलेटर और लिफ्ट लगाने से प्रति इकाई लागत में कमी आएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक स्केलेटर पर एक करोड़ रुपये की लागत आती है जबकि एक लिफ्ट पर 40 लाख रुपये खर्च होते हैं.
रेलवे ने हाल ही कहा था कि शहरी और उपनगरीय इलाकों के रेलवे स्टेशनों पर स्केलेटर लगाने के लिए वहां की आमदनी की जगह रेल यात्रियों की संख्या को मानक बनाया है.
नए मानक के मुताबिक, जिन रेलवे स्टेशनों पर 25,000 या उससे अधिक यात्री नियमित तौर पर पहुंचते हैं वहां लिफ्ट व स्केलेटर की सुविधा प्रदान की जाएगी. पहले इसके लिए रेलवे स्टेशन की सालाना आय आठ करोड़ रुपये से 60 करोड़ रुपये होना आवश्यक थी.
अधिकारी ने बताया कि इस बार रेल बजट में सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. लिहाजा, शहरी और उपनगरीय इलाकों के सभी प्रमुख स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अगले वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में स्केलेटर लगाने के प्रावधान को अंतिम रूप दिया गया है.
रेल बजट को आम बजट में ही शामिल कर लेने के बाद से पिछले साल से रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाता है. इस बार एक फरवरी को वित्तमंत्री आम बजट में समाहित रेलवे के लिए बजटीय प्रावधान पेश करेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं