
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम. (फाइल फोटो)
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सरकार रोजगार क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में नाकाम रही
पूर्व वित्त मंत्री बोले, कृषि क्षेत्र के हालात भी बदतर बने हुए हैं
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे चिदंबरम
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चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत रहने के समीक्षा में किए गए दावे पर भी उन्होंने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि साल की पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि 6 प्रतिशत रही है. इसे देखते हुए लगता है कि साल की समाप्ति पर आर्थिक वृद्धि 6 से 6.5 प्रतिशत रह सकती है. इसके अधिक रहने के समर्थन में कोई तथ्य समीक्षा में नहीं दिए गए हैं.
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प्रतिक्रिया में समीक्षा के पैराग्राफ का हवाला देते उन्होंने कहा है कि सरकार की शौचालय, जनधन खाता, एलपीजी कनेक्शन और गांवों के विद्युतीकरण जैसे प्रमुख कार्यक्रम भी कोई ठोस परिणाम हासिल नहीं कर पाए हैं. उन्होंने कहा कि समीक्षा में राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे को संवेदनशील बताया गया है. इससे राजकोषीय मजबूती में धीमी प्रगति का संकेत मिलता है. इससे सरकार के आर्थिक स्थिति मजबूत होने का दावा झूठा साबित होता है.
(इनपुट : एजेंसी)
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