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This Article is From Jan 24, 2017

5 लाख रु तक के गहनों की खरीद-फरोख्त पर न पूछा जाए PAN : GJF

5 लाख रु तक के गहनों की खरीद-फरोख्त पर न पूछा जाए PAN : GJF
'5 लाख रु तक के गहनों की खरीद-फरोख्त पर न पूछा जाए PAN' (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: वर्ष 2016 में भारी उठापटक के दौर से गुजर चुके रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि पांच लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर स्थायी खाता संख्या (PAN) कार्ड के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा उद्योग ने कहा है कि 2017-18 के बजट में सोने पर आयात शुल्क भी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए. उद्योग ने कहा है कि दो लाख रुपए या उससे अधिक की खरीद फरोख्त में पैन के उल्लेख के चलते संकट खड़ा हो गया है.

अखिल भारतीय रत्न और आभूषण व्यापार महासंघ (GJF) ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपे बजटपूर्व ज्ञापन में कहा है कि पांच लाख रपये से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त में पैन कार्ड का उल्लेख करने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिये। पांच लाख अथवा इससे अधिक की खरीद-फरोख्त पर ही पैन कार्ड का उल्लेख किया जाना जरूरी होना चाहिये।

महासंघ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा, ‘‘आभूषणों की दो लाख रुपये अथवा उससे अधिक की खरीद फरोख्त पर पैन कार्ड उल्लेख अनिवार्य किए जाने से उद्योग के समक्ष गंभीर संकट खड़ा हुआ है. रत्न एवं आभूषण का संगठित उद्योग जो कि हर साल दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, इस नियम की वजह से सीधे प्रभावित हुआ है. हम सरकार से निवेदन करते हैं कि इस सीमा को पहले की तरह बढ़ाकर पांच लाख अथवा उससे अधिक की खरीद फरोख्त पर रखा जाए.’’

महासंघ ने यह भी कहा है कि सोने के आयात पर आयात शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘सोने पर 10 प्रतिशत के ऊंचे आयात शुल्क से उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसकी वजह से एक समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो रही है और सोने की तस्करी बढ़ रही है. इसका घरेलू खुदरा और विनिर्माण उद्योग पर भी बुरा असर पड़ रहा है. आयात शुल्क को घटाकर पांच प्रतिशत पर लाने से दो नंबर के बाजार की तरफ रख कम होगा.’’

(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)

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