अरुण जेटली के बजट में आपको नज़र रखनी है इन तीन मोर्चों पर....(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली आज मोदी सरकार का चौथा बजट (Union Budget 2017) पेश करने वाले हैं. इस सरकार के लिए यह बजट चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि एक और जहां उसे नोटबंदी के बाद से परेशान लोगों को राहत देने का दबाव है और दूसरी और देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के हरसंभव उपाय भी करने हैं. वहीं, किसी भी सरकार के लिए बजट के जरिए सुधारात्मक और जन कल्याणकारी उपायों पर फोकस करते हुए खर्चों का आवंटन करना भी जरूरी होता है.
ऐसे में, आप और हम किन तीन चीजों पर नज़र रखें जिनका हम पर सीधा असर पड़ेगा...
इनकम टैक्स में छूट? 6.5 लाख रुपए की छूट मिलाकर 8 लाख रुपए होगी?
बजट में आयकर में छूट 2.5 लाख रुपए से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना करके जेटली राहत दे सकते हैं. 80C के तहत फिलहाल 1.5 लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में किए गए निवेश को मिलाकर कुल 2 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. कयास हैं कि यह सीमा बढ़ाकर 80C के तहत 2 लाख और एनपीएस में किए गए निवेश को मिलाकर 2.5 लाख रुपए की जा सकती है. होम लोन (Home Loan) पर ब्याज पर अभी 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है. इस तरह अभी 80सी, एनपीएस और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर बात करें तो अभी तक जो 6.5 लाख रुपए सालाना की छूट मिलती है. वह बढ़कर 8 लाख रुपए हो सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो काफी राहत मिलेगी. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
सर्विस टैक्स बढ़ेगा? यदि हां तो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद फरोख्त महंगी होगी...
एसएमसी सिक्यॉरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के साथ तालमेल बिठाने के लिए देखना यह होगा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सर्विस टैक्स में 1 फीसदी की बढ़ोतरी करते हैं या नहीं. दरअसल ऐसा करने की वजह (सर्विस टैक्स में इजाफा) यह भी होगी कि कंज्यूमर को 1 जुलाई से जीएसटी के जरिए अधिक दर के टैक्स चुकाने में झटका महसूस न हो. हालांकि कुछ विशेषज्ञों की यह राय है कि जेटली अप्रत्यक्ष करों को बजट में नहीं छुएगें. ऐसे में वह सर्विस टैक्स को भी यथावत रहने दे सकते हैं. मगर यदि सेवा कर की दर में इजाफा किया जाता है तो यह 15 से 16 या 18 फीसदी किया जा सकता है. ऐसे में आम आदमी के लिए होटेल में खाना पीना, फोन का बिल चुकाना और हवाई यात्रा की टिकट आदि जैसी कई सेवाओं और वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
रेलवे किराए में बढ़ोतरी? नई ट्रेनें? सुरक्षा कोष में इजाफा?
93 साल में पहली बार है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बना कर पेश किया जाए. माना जा रहा है कि रेलवे में नई ट्रेनों का ऐलान कम होगा और सुरक्षा पर ज्यादा जोर ज्यादा दिया जाएगा. पिछले कुछ समय में हुए रेल हादसों के मद्देनजर इस बार रेल सेफ्टी फंड बढ़ाया जा सकता है. कई नई तरह की डिवाइस की घोषणा हो सकती है, नेटवर्क का विस्तार होगा और कॉरिडोर प्लान, ट्रेन की रफ्तार पर फोकस किया जाए. साथ ही, रेल किरायों में बढ़ाया सकता है क्योंकि पिछले साल नहीं बढ़ा था.(इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
ऐसे में, आप और हम किन तीन चीजों पर नज़र रखें जिनका हम पर सीधा असर पड़ेगा...
इनकम टैक्स में छूट? 6.5 लाख रुपए की छूट मिलाकर 8 लाख रुपए होगी?
बजट में आयकर में छूट 2.5 लाख रुपए से बढ़कर तीन लाख रुपए सालाना करके जेटली राहत दे सकते हैं. 80C के तहत फिलहाल 1.5 लाख रुपए और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में किए गए निवेश को मिलाकर कुल 2 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. कयास हैं कि यह सीमा बढ़ाकर 80C के तहत 2 लाख और एनपीएस में किए गए निवेश को मिलाकर 2.5 लाख रुपए की जा सकती है. होम लोन (Home Loan) पर ब्याज पर अभी 2 लाख रुपये की छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है. इस तरह अभी 80सी, एनपीएस और होम लोन के इंटरेस्ट को मिलाकर बात करें तो अभी तक जो 6.5 लाख रुपए सालाना की छूट मिलती है. वह बढ़कर 8 लाख रुपए हो सकती है. अगर ऐसा हो जाता है तो काफी राहत मिलेगी. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
सर्विस टैक्स बढ़ेगा? यदि हां तो वस्तुओं और सेवाओं की खरीद फरोख्त महंगी होगी...
एसएमसी सिक्यॉरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के साथ तालमेल बिठाने के लिए देखना यह होगा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सर्विस टैक्स में 1 फीसदी की बढ़ोतरी करते हैं या नहीं. दरअसल ऐसा करने की वजह (सर्विस टैक्स में इजाफा) यह भी होगी कि कंज्यूमर को 1 जुलाई से जीएसटी के जरिए अधिक दर के टैक्स चुकाने में झटका महसूस न हो. हालांकि कुछ विशेषज्ञों की यह राय है कि जेटली अप्रत्यक्ष करों को बजट में नहीं छुएगें. ऐसे में वह सर्विस टैक्स को भी यथावत रहने दे सकते हैं. मगर यदि सेवा कर की दर में इजाफा किया जाता है तो यह 15 से 16 या 18 फीसदी किया जा सकता है. ऐसे में आम आदमी के लिए होटेल में खाना पीना, फोन का बिल चुकाना और हवाई यात्रा की टिकट आदि जैसी कई सेवाओं और वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे. (इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
रेलवे किराए में बढ़ोतरी? नई ट्रेनें? सुरक्षा कोष में इजाफा?
93 साल में पहली बार है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बना कर पेश किया जाए. माना जा रहा है कि रेलवे में नई ट्रेनों का ऐलान कम होगा और सुरक्षा पर ज्यादा जोर ज्यादा दिया जाएगा. पिछले कुछ समय में हुए रेल हादसों के मद्देनजर इस बार रेल सेफ्टी फंड बढ़ाया जा सकता है. कई नई तरह की डिवाइस की घोषणा हो सकती है, नेटवर्क का विस्तार होगा और कॉरिडोर प्लान, ट्रेन की रफ्तार पर फोकस किया जाए. साथ ही, रेल किरायों में बढ़ाया सकता है क्योंकि पिछले साल नहीं बढ़ा था.(इससे जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें)
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