24 लाख ने 10 लाख से अधिक आय बताई है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करने के दौरान कहा है कि टैक्स नहीं देना एक तरफ से हमारी जीवनशैली का एक हिस्सा है. यह बात संभवतया इसलिए कही गई क्योंकि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश में मोटेतौर पर तकरीबन पौने दो करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि नोटबंदी से टैक्स चोरी करने वालों की पोल खुल गई है. उन्होंने कहा कि टैक्स देने वाले लोगों में 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आय बताई है. 76 लाख लोगों ने पांच लाख से अधिक आय बताई है. 24 लाख ने 10 लाख से अधिक आय बताई है. केवल सात हजार कंपनियां 10 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स भरती हैं. इन आंकड़ों से स्पष्ट हो जाता है कि इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद कितने कम लोग टैक्स भरते हैं.
हालांकि इसके साथ ही अरुण जेटली ने एक फरवरी को बजट पेश करने के दौरान भारत की तस्वीर पेश करते हुए कहा कि देश आर्थिक विकास का इंजन बना हुआ है. इस वक्त यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्माता देश है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां विदेशी निवेश बढ़ा है, हमारी वित्तीय क्षमता बढ़ी है. महंगाई दर घटी है और यह काबू में रहेगी.
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के आर्थिक नक्शे पर चमक रहा है. हमारे फोकस में नौजवान होंगे, जो विकास के फायदे ले सकें. देश में विदेशी निवेश बढ़ा है. चालू खाता घाटा भी कम हुआ है. हमारी वित्तीय मजबूती भी बढ़ी है. आईएमएफ के अनुसार-हमारी अर्थव्यवस्था तेजी की तरफ है.हमारी सरकार कालेधन से लड़ रही है. पिछले सालों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. हम असंठित के मुकाबले संगठित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़े हैं.
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया गया. इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था. यही नहीं अरुण जेटली का भी यह चौथा बजट है. साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं हुआ. इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है.