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8 years ago
वेटिकन सिटी: मुख्य अंश : वेटिकन में मदर टेरेसा को दी गई संत की उपाधि
अपने आशीर्वाद और शुभकामनाओं के साथ पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि के समारोह का समापन किया.

पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को दयालु संत बताते हुए कहा कि वह बीमार और त्यागे हुए लोगों की जीवन रक्षक थीं जिन्होंने 'गरीबी का अपराध खड़ा करने वाले' विश्व नेताओं को शर्म से झुका दिया था. सेंट पीटर बेसालिका की सीढ़ियों से पोप फ्रांसिस ने कहा - 'संत टेरेसा ने दुनिया के ताकतवर लोगों तक अपनी आवाज़ पहुंचाई ताकि वह लोग गरीबी के उस अपराध के लिए खुद को दोषी महसूस कर सकें जिसे उन्होंने ही खड़ा किया है.'

1997 में संत टेरेसा की मृत्यु के वक्त मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के 3 हज़ार से ज्यादा सदस्य थे. 19 साल बाद इस संस्थान की लोकप्रियता के साथ मिशन के करीब 5 हज़ार सदस्य हैं.


भारत भर के गिरिजाघरों में आज इस खास दिन काफी लोग मौजूद थे, इसके साथ ही आज मुंबई में मदर टेरेसा को मिली इस संत की उपाधि के मौके पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया है.

ब्राजील के इंजीनियर मार्सिलियो एंड्रीनो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ इस समारोह में उपस्थित हुए हैं. बता दें कि एंड्रीनो के दिमाग में ट्यूमर था और उनका दावा है कि मदर टेरेसा की बदौलत ही उनका यह ट्यूमर ठीक हुआ है. इस चमत्कार की पुष्टि इसी साल पोप फ्रांसिस ने भी की थी जिसके बाद मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने का फैसला लिया गया.

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सेंट पीटर्स स्काव्यर पर मदर टेरेसा के प्रशंसकों की इतनी भीड़ है कि संत घोषित करने की प्रक्रिया के पूरा होने से पहले ही तालियां बजने लगीं.

 
मदर टेरेसा को संत घोषित करने के दौरान लेटिन भाषा में 'पवित्र शब्द' कहे गए.
वहीं कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के मदर हाउस में मौजूद नन, मदर टेरेसा के इस समारोह को टीवी पर देख रही हैं.

'कोलकाता की संत टेरेसा' - वेटिकन के इस समारोह में भारतीय झंडे भी फहराए गए.

पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत घोषित किया
वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्कॉयर पर मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जा रही है.

इस मौके पर लाखों की तादाद में दुनिया भर से लोग वेटिकन सिटी पहुंचे हुए हैं

समारोह के दौरान मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की एक नन मदर टेरेसा की निशानी हाथ में लिए हुए.

मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है.

समारोह के बाद करीब 1500 गरीब लोगों को मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की 250 सिस्टर और 50 पुरुष सदस्यों की ओर से एक बड़ा पिज्जा पेश किया जाएगा.


तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में मदर टेरेसा चर्च है जो भारत में मदर टेरेसा के नाम पर रखा गया पहला चर्च है.


संत उपाधि के समारोह के लिए वेटिकन सिटी में स्टेज सज चुका है.


106  साल के लिए 106 गुलाब : ममता बनर्जी की श्रद्धांजलि



अगर आज मदर टेरेसा जीवित होतीं तो वह 106 साल की होतीं. उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ममता बनर्जी ने मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के विश्व मुख्यालय मदर हाउस को 106 गुलाबों का गुलदस्ता भेंट किया.
राहुल गांधी के कार्यालय की ओर से ट्वीट में लिखा गया है 'सेवा और करुणा की मिसाल, मदर टेरेसा ने दुनिया को दिखाया कि प्यार में कितनी ताकत होती है. आज हम प्यार की उस विरासत का जश्न मना रहे हैं.'
संत उपाधि समारोह में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की ओर से कई नन उपस्थित होंगी जिन्हें उनकी चिर परिचित नीले बॉर्डर और सफेद साड़ी से पहचाना जा सकता है. उनके इस परिधान से दुनिया भर में उन्हें पहचाना जाता है.

भारत भर में इस मौके पर रविवार को विशेष तौर पर लोग एकत्रित हो रहे हैं.

कोलकाता की बस्तियों में अपने काम के लिए सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाली मदर टेरेसा को 1979 में नोबल शांति पुरस्कार दिया गया था.



(घड़ी की दिशा में) मदर टेरेसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ, राजकुमारी डायना और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के साथ (AFP file photos)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी वेटिकन के लिए रवाना हुए हैं.

मदर टेरेसा को संत की उपाधि मिलने की खुशी में इलाहाबाद में भी रैली निकाली गई.

20वीं सदी के सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी.

भारत की ओर से सुषमा स्वराज की अगुवाई में 12 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल गया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वेटकिन पहुंची हुई हैं.

पोप फ्रांसिस की अगुवाई में यह समारोह सेंट  पीटर्स चौराहे पर आयोजित किया जाएगा जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेंगे.

मदर टेरेसा को संत उपाधि दिए जाने के लिए वेटिकन सिटी में तैयार चल रही हैं


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