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8 years ago
ऑर्गन डोनेशन के लिए एनडीटीवी-फोर्टिस की खास मुहिम 'मोर टू गिव'
एनडीटीवी-फोर्टिस की ऑर्गन डोनेशन डे के दिन अंगदान मुहिम में करीब 3000 लोगों ने हिस्सा लिया. नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) को इस साल करीब 12 लाख शपथ मिले. इनमें से कई #MoreToGive कैंपेन से प्रेरित हुए. इस मुहिम का हिस्सा बनने के लिए आपका धन्यवाद. आप अपने अंगदान के लिए यहां पर प्रण ले सकते हैं.

मोर टू गिव ऑर्गन डोनेशन मुहिम से जुड़ने के लिए लोग पोस्टर और बैनर भी लेकर आए थे. उन्हीं में से कुछ पोस्टर बैनर यह संदेश दे रहे थे.


ऑर्गन डोनेशन डे के दिन हजारों लोग सड़क पर आए और एनडीटीवी-फोर्टिस मोर टू गिव वॉकेथॉन मुहिम का हिस्सा बने...

भारत में लीवर ट्रांसप्लांट की स्थिति कुछ इस प्रकार है...

भारत में किडनी फेल होने वालों में आधे डायबिटिक पेशेंट होते हैं.

भारत में किडनी प्रत्यर्पण की काफी मांग होती है. मांग और उपलब्धता में काफी अंतर होता है.
ऑर्गन डोनेशन को लेकर भारत में काफी जागरुकता लाने की जरूरत है.

युद्ध में अपने शरीर का अंग गंवाने वाले कैप्टन नवीन गुलिया ने एनडीटीवी फोर्टिस की इस मुहिम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, यह सबसे जरूरी है कि अंगदान किया जाए. जब में दान देते हैं तो शांति मिलती है, खुशी मिलती है.

फोर्टिस  के डॉ अवनीष सेठ ने कहा, अंगदान केवल राजधानियों तक सीमित है. हमें ब्रेन डेड केस को जल्दी डायगनोस करना होगा क्योंकि देरी की वजह से अंग की क्वालिटी में कमी आ जाती है.

अंग दान को लेकर पैसों से लेकर धार्मिक चिंताओं के बारे में जो भी  धारणाएं हैं  उस पर एक खास रिपोर्ट यहां पढ़े
एनडीटीवी-फोर्टिस की इस अंगदान से जुड़ी मुहिम के कैंपेन अंबैडसेडर इरफान खान ने कहा कि हमारा सिनेमा जानकारी से ज्यादा इमोशन की बात करता है. हम इमोशन के जरिए अंग दान के प्रति लोगों को जागरुक बना सकते हैं.

इस बीच, जब #MoreToGive वॉकेथॉन जारी है. हजारों की संख्या में लोग निकलकर बाहर आकर इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं.
हाल में अपनी पत्नी का लिवर ट्रांसप्लांट करवाने वाले रमेश एन शाह ने कहा कि कामयाब ऑपरेशन के बाद ऐसा लगा जैसे पूरे परिवार को नई जिंदगी मिल गई हो.

अपनी ब्रेन डेड पत्नी के अंग दान करने वाले राकेश कपूर ने बताया कि इससे जुड़ी प्रक्रिया काफी लंबी और थकाने वाली है.

एम्स की डॉ विज का कहना है कि अंगदान के लिए दूसरी बड़ी बाधा है प्रशिक्षित ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटरों की कमी. हमारे पास जरूरत के हिसाब से अंगदान की सुविधा उपलब्ध कराने के जरूरी उपकरण नहीं है. जब यह सब हो जाएगा तो अंगदान की मुहिम को अपने आप जोर मिलेगा.

अंगदान के अलावा हमें आधारभूत ढांचे की जरूरत भी है. हमें काफी सुधार की जरूरत है ताकि छोटे शहरों से बड़े शहरों में लोगों को आना न पड़े. यहां पर अंगदान के लिए वेटिंग लिस्ट बनी रहती है. यह कहना है एम्स की डॉ आरती विज का.

मोहन फाउंडेशन के संस्थापक और मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ श्रॉफ ने कहा कि केवल 6-7 राज्य ही अंग दान में सहयोग कर रहे हैं. जरूरत है कि हमारे अस्पताल के आईसीयू ब्रेन डेड लोगों को पहचानने के लिए तैयार हों. तभी हम अंगदान के मामले में प्रतिशत सुधार सकते हैं.

मोहन फाउंडेशन के संस्थापक और मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ श्रॉफ ने कहा कि 10 में से 6 परिवार अंगदान के लिए तैयार हो जाएंगे. जरूरी और चुनौतीपूर्ण यह है कि अस्पताल ब्रेन डेड लोगों को घोषित करे और सर्टिफिकेट दे. केवल इसके बाद ही परिवार को अंगदान के लिए समझाया जा सकता है.

क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह ने एनडीटीवी-फोर्टिस की अंग दान मुहिम को समर्थन देते हुए कहा कि मैंने अपनी आंखें और हृदय दान कर दिया है. एक डांसर का दिल एक सैनिक के समान होता है. मैं इस मुहिम से जुड़कर काफी खुश हूं क्योंकि जब आपकी मौत हो जाती है, आप चले जाते हैं. इसमें कोई समझदारी नहीं है कि आप अपने अंग बरबाद कर दें.



एक अंग दानकर्ता कम से कम 7 जिंदगी बचा सकता है.

एनडीटीवी के अंगदान मुहिम #MoreToGive में विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अंग दान से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की.

एम्स में ओआरबीओ, की प्रमुख डॉ आरती विज ने कहा कि अंग दान में सबसे बड़ी बाधा है कि लोगों को ब्रेन डेथ को समझाना मुश्किल होता है.


मोहाली में ऑर्गन डोनेशन डे के दिन वॉकेथॉन में हिस्सा लेते एनसीसी के कैडेट्स. आज एनसीसी डे भी है.

चार शहरों में वॉकेथॉन #MoreToGive की शुरुआत की गई है. ये चार शहर हैं मुंबई, चेन्नई, गुरुग्राम और मोहाली.

मोहाली में ऑर्गन डोनेशन मुहिम #MoreToGive वॉकेथॉन की शुरुआत कुछ ऐसी रही.

ऑर्गन डोनेशन के मामले में भारत का रिकॉर्ड काफी खराब है जबकि स्पेन इस मामले में सबसे आगे है. भारत में हर साल पांच लाख लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है कि क्योंकि जरूरी ऑर्गन नहीं मिल पाता है.


नई दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम में एक्टर इरफान खान और पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट दीपा मलिक ने ऑर्गन डोनेशन डे #MoreToGive वॉकेथॉन की शुरुआत की. दोनों ने हरी झंडी दिखाकर मुहिम को आरंभ किया.

पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट दीपा मलिक का कहना है कि जब इरफान खान जैसे लोग इस मुहिम का समर्थन करते हैं तो यह जरूर जागरुकता लाएगी. हमें ऐसे कैंपेन की शुरुआत करनी चाहिए. लोगों को यह पता चलना चाहिए कि वॉकेथॉन केवल चलने के लिए नहीं है, यह अंगदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए है. 
#MoreToGive कैंपेन के ब्रैंड अंबैसेडर एक्टर इरफान खान ने इस मौके पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई. उन्होंने कहा कि मैं अपने आस-पास के लोगों से इस बारे में बात करता हूं. मेरे रिश्तेदारों यह दिक्कत महसूस की है. मेरे भतीजे की पत्नी का ऑर्गन फेल हो गया था. कृपया अंग दान करें और किसी को जीवन दान दें...

गायक और गीतकर स्वानंद किरकिरे ने इस कार्यक्रम में कहा, यह बहुत बड़ी मुहिम है. हमारी वजह से कोई जीवन पा सकेगा. मैंने अपने ऑर्गन दान करने का प्रण लिया है. इस कैंपेन का एंथम (गीत) मेरी ओर से मुहिम का समर्थन है. यहां पर क्लिक कर #MoreToGive के एंथम को सुनें...


अंग के मामले में तमिलनाडु देश में सबसे आगे है. यहां पर अंग का प्रतिशत देश के औसत से 10 फीसदी ज्यादा है. चेन्नई में झंडा दिखाकर वॉकेथॉन की शुरुआत करतीं अभिनेत्री खुशबू...
चेन्नई में राजनेता और एक्टर खुशबू ने एनडीटीवी-फोर्टिस की मोर टू गिव मुहिम में शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि अंग दान जरूरी है और अंग दान करने से किसी को कोई नुकसान नहीं है. यह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है.

पूरे में इस #MoreToGive मुहिम से जुड़ने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे हैं...

मुंबई में मनीष पॉल ने वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर मार्च किया. अंग दान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए एनडीटीवी और फोर्टिस से मिलकर यह मुहिम चलाई है.

मुंबई में कार्यक्रम के उद्घाटन के समय मौजूद एक्टर मनीष पॉल ने कहा कि , मैं मानता हूं लोगों को जागरुक होने की जरूरत है. लोगों में इस विषय में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए.

पांच लाख लोग भारत में हर साल अंग (ऑर्गन) के इंतजार में मर जाते हैं. आइए ऑर्गन डोनेशन के लिए प्रण ले...



मुंबई में एक्टर और टीवी होस्ट मनीष पॉल ऑर्गन डोनेशन डे वॉकेथॉन के उद्घाटन के मौके पर..

ऑर्गन डोनेशन की इस मुहिम के लिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है.


आइए आज ही अंग दान का प्रण लें.. लॉग इन करें NDTV.com/MORETOGIVE
सामाजिक सरोकार से जुड़ी एनडीटीवी की इस खास मुहिम कार्यक्रम के संचालक विक्रम चंद्रा ने कार्यक्रम की शुरुआत की और लोगों का स्वागत किया....

जिंदगी बचाने के लिए अंग दान के लिए आगे  आएं. यहां पर रजिस्टर करें..
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एक एनजीओ ऑर्गन इंडिया के मुताबिक स्पेन में एक मिलियन लोगों में 36 लोग अंग दान किया था. यह आंकड़ा 2014 का है. क्रोएशिया में यह आंकड़ा 35 लोग प्रति मिलियन है. वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा 27.02 है. भारत में यह आंकड़ा मात्र 0.34 व्यक्ति प्रति 10 लाख है.
भारत में लाखों की संख्या में लोग इसलिए मौत के मुंह में समा जाते हैं क्योंकि उन्हें अंग प्रत्यर्पण में नहीं मिलता है. अंगों की जरूरत और दान देने वालों में काफी अंतर है.

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