कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया गांधी से छुट्टी मांगी है बाहर जा कर चिंतन मनन करने के लिए। ये छुट्टी राहुल ने तब मांगी है जब संसद का बजट सत्र शुरू हुआ है और अण्णा हजारे एनडीए सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ रामलीला मैदान में धरना पर बैठे हैं। यह वही मुद्दा है जिस पर राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल में प्रर्दशन कर चुके हैं।
भला राहुल को इसी वक्त छुट्टी की जरूरत क्यों पड़ी। क्या कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं है, क्योंकि भला राहुल गांधी को सोनिया से छुट्टी क्यों मांगनी पड़ी? एक तो वो किसी स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं और न ही सोनिया गांधी कोई टीचर है। कांग्रेस गांधी की अपनी पार्टी है, यदि राहुल बिना मांगे छुट्टी पर चले जाते तो भी कोई चूं नहीं कर सकता था। अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या राहुल नाराज हो कर छुट्टी पर गए हैं। क्या पार्टी में राहुल को उतनी छूट नहीं मिल रही है जैसा वो चाहते हैं?
टिकट बंटवारे में राहुल की ना सुनना और हार के बाद उनपर ठीकरा फोड़ना राज्यों के नेताओं को ज्यादा ताकत देना जैसे कुछ मुद्दे हैं जिसपर राहुल पार्टी में अकेले पड़ जाते हैं।
क्या कांग्रेस दफ्तर में बैठने वाले सभी बड़े नेता उनके खिलाफ षडयंत्र करते हैं? क्या राहुल गांधी राज्यों में कांग्रेसी नेताओं के गुटबाजी से परेशान हैं? हर हार के बाद कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रियंका लाओ कांग्रेस बचाओ के पोस्टर से राहुल आहत हुए हैं...?
एक बड़े कांग्रेस के नेता ने सेंट्रल हॉल में बताया कि यदि राहुल नाराज हो कर गए हैं तो फिर उन्होंने अच्छा किया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पूरी तरह से बंटी हुई है। एक गुट जो राहुल के साथ है वह इसे आम चिंतन के पहले आत्म चिंतन बता रहा है। दूसरा गुट मजे ले रहा है।
यह भी सही है कि हाल के दिनों में कांग्रेस के कई नेता कई कारणों से पार्टी छोड़ कर गए, जैसे हरियाणा में चौधरी विरेंद्र, दिल्ली में कृष्णा तीरथ, तमिलनाडु में जयंती नटराजन आदि। कुछ दबी जुबान में राहुल का विरोध करते हैं तो चिंदबरम के बेटे मीडिया में बयान दे देते हैं।
कांग्रेस को अपने आप को फिर से साबित करना है वरना लोगों के पास आम आदमी पार्टी का विकल्प है। अब दिक्कत है कि राहुल ये सब करेंगे कैसे क्योंकि कहा जा रहा है कि अप्रैल में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इस मौके से पहले राहुल का आत्म चिंतन पर जाना, अकेले में सोचना किस ओर ईशारा करता है? क्या वो अध्यक्ष पद ठुकरा भी सकते हैं? पता नहीं असली बात राहुल ही बता सकते हैं जो छुट्टी पर हैं।