मौजूदा सीरीज़ ऑस्ट्रेलिया के नाम हो चुकी है, लेकिन विराट कोहली के रवैये को लेकर बहस जारी रहेगी। शायद यह विराट कोहली की आक्रामकता ही थी, जिसकी वजह से मेज़बान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने देर से पारी घोषित की, इसलिए इस ड्रॉ को टीम इंडिया मनोवैज्ञानिक जीत के तौर पर देख सकती है।
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कहते हैं कि उनकी टीम लगातार सीख रही है, बस, खिलाड़ियों को थोड़ा वक्त चाहिए। टेस्ट में यह टीम अब तक करीब 45 मिनट का खेल खराब खेलती रही, जिसकी वजह से उसे हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी टीम सीख रही है और जल्दी ही मैच जीतकर बेहतर नतीजे भी पेश करेगी।
टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री का कहना है कि खिलाड़ियों ने मेलबर्न टेस्ट में अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ी है। स्टार टीवी पर मैच के बाद शो में उन्होंने कहा कि मेलबर्न में पिछले 10 साल में किसी टीम ने पहली बार ड्रॉ किया है, और मेलबर्न के दर्शकों ने इसे सराहा है। वह कहते हैं कि आप इस टीम को साल भर का समय दीजिए और यही टीम कमाल करती दिखेगी। रवि शास्त्री ने विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की पारियों की भी जमकर तारीफ की।
कम से कम चौथी पारी में विराट कोहली का अर्द्धशतक बनाना इस बात का सबूत है कि वह सिर्फ बयानबाज़ी नहीं करते। टीम इंडिया भले ही मेलबर्न टेस्ट पर कब्ज़ा करने में नाकाम रही, लेकिन विराट ने अपने आक्रामक तेवर जारी रखे, यह जानते हुए भी कि मैच की चौथी पारी में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई मुश्किल गेंदबाज़ी का सामना करना पड़ेगा।
विराट कोहली और मिशेल जॉनसन के बीच हुई तकरार को लेकर आशंका थी कि कोहली या टीम इंडिया के दूसरे बल्लेबाज़ क्रीज़ पर आएंगे तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया की ओर से एक्स्ट्रा स्लेजिंग का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अच्छी बात यह रही कि विराट अपने आक्रामक तेवरों के साथ-साथ अपना बल्ला भी चला रहे हैं। वह शानदार फॉर्म में हैं और ज़बरदस्त आत्मविश्वास से भरे हैं। विराट के आंकड़े बताते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में वह महानतम बल्लेबाज़ों की सूची में दर्ज होने की दिशा में सफर कर रहे हैं।
सिर्फ 32 टेस्ट मैचों के सफर में विराट कोहली के नाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई मैदानों पर चार शतकीय पारियां हैं। उन्होंने मौजूदा शृंखला में अब तक की छह पारियों में 499 रन जोड़े हैं। इसके साथ ही विराट ने चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी ज़मीन पर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। सचिन के नाम ऑस्ट्रलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में 480 रन हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेली गई एक सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में वह राहुल द्रविड़ के बाद दूसरे नंबर पर आ गए हैं। चार टेस्ट मैचों में राहुल द्रविड़ के नाम 619 रन हैं, जबकि विराट कोहली ने तीन मैचों में 499 रन बनाए हैं, सो, उनके पास अब भी राहुल द्रविड़ को पीछे छोड़ने का मौका है। टेस्ट की चौथी पारी में विराट का औसत भारतीय खिलाड़ियों की लिस्ट में सबसे ऊपर यानी 68.88 है।
भारत मेलबर्न टेस्ट में जीत हासिल नहीं कर सका, लेकिन कोहली के होते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम रक्षात्मक तरीके से फैसला लेने पर मजबूर हो सकती है, यह ज़रूर साबित हुआ। सो, टीम इंडिया ने टेस्ट में भले ही जीत हासिल नहीं की, और सीरीज़ ऑस्ट्रेलिया के नाम हो गई, लेकिन इस ड्रॉ के बाद भी टीम इंडिया यही मानकर सिडनी टेस्ट खेलना चाहेगी कि उसे मनोवैज्ञानिक तौर पर जीत हासिल हुई है और इसका फायदा उसे सिडनी टेस्ट में मिल सकता है।
This Article is From Dec 30, 2014
विमल मोहन की कलम से : मेलबर्न में टीम इंडिया को मिली मनोवैज्ञानिक जीत...?
Vimal Mohan, Vivek Rastogi
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Updated:दिसंबर 30, 2014 13:54 pm IST
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Published On दिसंबर 30, 2014 13:51 pm IST
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Last Updated On दिसंबर 30, 2014 13:54 pm IST
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