टीम इंडिया को ज्यादा फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम में भी हैं दरारें

नई दिल्ली:

2015 वर्ल्डकप के शुरू होने से पहले कोई पूछता कि इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत की कितनी उम्मीदें हैं, तो ज्यादातर जानकार और फैन्स टीम इंडिया को बहुत कम अंक देते हैं। लेकिन लीग में टीम इंडिया के प्रदर्शन से यकीनन दुनिया भर के जानकारों और फैन्स की राय बदली है। भारत के उन्मादी और जोशीले फैन्स टीम इंडिया का ही नारा लगा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की पाकिस्तान के  खिलाफ जीत के बाद जैसे ही सेमीफाइनल की तस्वीर साफ हुई यह नारा और तेज होने लगा है। भारत के किसी भी क्रिकेट मैदान पर फैन्स से समूह में पूछा कि वर्ल्डकप कौन जीतेगा, तो यही आवाज़ें आएंगी- इंडिया... इंडिया...।

लेकिन कई जानकार मानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा थोड़ा भारी है। वह मानते हैं कि टीम इंडिया की असली टक्कर ऑस्ट्रेलिया से सेमीफ़ाइनल में ही होगी। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर विजय दाहिया कहते हैं कि अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेलना है तो किसी एक खिलाड़ी को बड़ी पारी खेलनी होगी।

अब तक लीग मैचों और क्वार्टर फाइनल में टीम इंडिया के चार बल्लेबाज़ों ने पांच शतकीय पारियां खेली हैं। भारत की ओर से खिलाड़ियों ने पांच शतक और सात अर्द्धशतक लगाए हैं। बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अच्छा यह है कि सभी खिलाड़ी अलग-अलग वक्त पर स्कोर कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हो सकता है लोअर ऑर्डर बल्लेबाज़ों को भी अच्छा योगदान देने की ज़रूरत पड़े। इसलिए बांग्लादेश केखिलाफ खासकर रविंद्र जडेजा का तेज़ पारी खेलकर नॉट आउट रहते हुए टीम इंडिया को तीन सौ की सीमा रेखा से पार करवाना टीम मैनेजमेंट के लिए अच्छे संकेत हैं।

जडेजा को सात मैच की चार पारियों में बल्लेबाज़ी का मौक़े मिले जिनमें उन्होनें कुल 41 रन बनाए हैं, लेकिन बांग्लादेश के  खिलाफ उनकी नाबाद 23 रनों की पारी से उनका आत्मविश्वास जरूर लौटा होगा, जिससे टीम राहत महसूस कर सकती है।

पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय पारी के बाद विराट कोहली से बड़े स्कोर की उम्मीद लगातार बनी हुई है। शायद वह बड़े मौके के इंतजार में हैं। दक्षिण अफ़्रीका के  खिलाफ अजिंक्य रहाणे की 79 रनों की पारी के बाद वह बड़े स्कोर का मौका नहीं बना पाए हैं। ज़ाहिर है टीम इंडिया की बैटिंग लाइन अप में टॉप ऑर्डर के सभी बल्लेबाज़ों से बड़ी उम्मीद रहेगी ही। रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, एमएस धोनी और रविन्द्र जडेजा कई बार मैच विनर का रोल अदा कर चुके हैं।

लेकिन इस बार वर्ल्डकप में अब तक सत्तर में सत्तर विकेट लेकर गेंदबाज टीम इंडिया की जीत में तुरुप का इक्का बने हुए हैं। अब तक मोहम्मद शमी (17/226), उमेश यादव (14/249), आर. अश्विन (12/288), मोहित शर्मा (11/239), रविंद्र जडेजा (9/301), भुवनेश्वर कुमार (1/19) और सुरेश रैना (1/64) की गेंदबाज़ी के सहारे टीम इंडिया ने धमाल मचाया हुआ है। हैरत की बात यह है कि बल्लेबाज़ों के हक में नियमों के बावजूद रविंद्र जडेजा (इकॉनमी- 5.31) को छोड़कर सबकी इकॉनमी 5 से नीचे है।

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ऑस्ट्रेलियाई टीम ना तो इस गेंदबाजी को और ना ही बल्लेबाजी को हल्के में आंकने की गलती करेंगे। उन्हें यह भी अंदाज़ा है कि करीब महीने भर के वक्त में टीम इंडिया अपने पुराने फॉर्म में है और डिफेंडिंग चैंपियन की तरह खेल रही है। जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम को न्यूज़ीलैंड में मेजबान टीम के हाथों हार का सामना करना पड़ा और पाकिस्तान के गेंदबाज़ों ने उन्हें लगभग काबू में कर ही लिया था। चार बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया अपने आखिरी मैच से इसलिए बेहद खुश नहीं होगी, क्योंकि इससे उनमें दरार का इशारा भी मिला है। टीम इंडिया के जांबाज़ इसका पूरा फ़ायदा जरूर उठाएंगे। 26 मार्च को सिडनी में इम्तिहान से पहले टीम इंडिया को अच्छा वक्त मिला है, ऑस्ट्रेलिया को सावधान रहने की जरूरत है।