यह ख़बर 21 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुशील महापात्रा की कलम से : बैटिंग फॉर लाइफ

मैच के दौरान बैठे सांसद

नई दिल्ली:

क्रिकेट को लेकर हम पागल हो जाते हैं, जब क्रिकेट की बात होती है तब हम ऐसी बात करते हैं जैसे हम बहुत बड़े विशेषज्ञ हैं। चलिए, आज एक ऐसे क्रिकेट मैच की बात करते हैं जिसमें खेलने वाले क्रिकेटर्स नहीं बल्कि सांसद और मीडियाकर्मी हों। जी हां, ऐसा ही एक क्रिकेट मैच डीपीएस, मथुरा रोड के मैदान में देखने को मिला। इस मैच का मकसद था बच्चों के  स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना।

ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजी और कंस्टीट्यूशन क्लब द्वारा आयोजित 'बैटिंग फॉर लाइफ' नाम के इस क्रिकेट मैच में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग पार्टी के सांसद और अलग-अलग संस्था के मीडियाकर्मी शामिल हुए। स्वास्थ्यमंत्री जगत प्रताप नड्डा, खेलमंत्री सर्वानंद सोनवाल, केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी और श्रीपद नाइक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने और इस मुहीम को सफल बनाने के लिए मौजूद थे। सांसदों की ओर से अनुराग ठाकुर, मनोज तिवारी, कीर्ति आज़ाद, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कलिकेश सिंह देव और मीडिया की ओर से जावेद अंसारी, विक्रांत गुप्ता जैसे पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

ऐसे तो संसद के अंदर सांसद एक दूसरे को घेरते हुए नज़र आते हैं, लेकिन इस मैच के दौरान कुछ अलग सा नज़ारा देखने को मिला और वह था सांसदों का एकजुट होकर खेलना और वह पूरी जोश के साथ।

अब इस मैच के आयोजन की वजह के बारे में कुछ बातें करते हैं। मैच के आयोजन का मकसद था, भारत में बाल मृत्यु दर को लेकर जागरूकता फैलाना, यूनीसेफ के आंकड़े हैं कि भारत में 20 प्रतिशत से भी ज्यादा की बाल मृत्यु दर है और पिछले साल 13 लाख से भी  ज्यादा बच्चों की मौत पांच साल की उम्र तक पहुंचने से पहले हो गई थी और इसकी वजह रही निमोनिया, डाइरिया और कुपोषण।

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ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजी की सदस्य अंजलि नैयर का कहना है कि भारत में हर तीन मिनट में एक शिशु की मौत होती है। लेकिन ऐसी समस्या को लेकर समाज गंभीर नहीं है। मीडिया को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए।

ऐसे में इस क्रिकेट मैच को कोई भी जीते, लेकिन असली जीत उस दिन होगी जब पूरी दुनिया से बाल मृत्यु दर की इन वजहों का नामोनिशां मिट जाएगा।