केंद्र सरकार के मंत्रियों के अनुसार एयरलाइंस सामूहिक बैन नहीं लगा सकतीं, इसके बावजूद शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ की हवाई उड़ान पर देश की 6 एयरलाइनों ने रोक लगा दी है. अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में विफलता की वजह से देश के हर हिस्से में भीड़-तंत्र हावी हो रहा है जो कानून के शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस पूरे प्रकरण में कई सवाल उभरकर सामने आते हैं जिन पर चर्चा करना जरूरी है.
सारे प्रमाण होने के बावजूद सांसद की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने यह साफ कर दिया कि शिवसेना सांसद की बदसलूकी को संसदीय विशेषाधिकार का संरक्षण नहीं मिल सकता, क्योंकि पूरा मामला संसद के बाहर का है. इस स्पष्टीकरण तथा शिवसेना सांसद के खिलाफ आईपीसी की धारा 308 (गैर-इरादतन हत्या की कोशिश) और धारा 355 (बदसलूकी) के गंभीर मामले के बावजूद पुलिस ने रवींद्र गायकवाड़ को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?
क्या एयरलाइंस किसी यात्री को सामूहिक रूप से बैन कर सकती है? एयरइंडिया ने कहा है कि एयर एक्ट 1972 के चैप्टर 4 के तहत टिकट न देने और एयरक्रॉफ्ट रुल 1937 के नियम 22 और 23 के तहत यात्री को एयरलाइंस में यात्रा करने से रोका जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी तथा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने एयरलाइन्स को ऐसे कानूनी अधिकार से इनकार किया है.
एयरलाइंस ने कानून की सही प्रक्रिया का पालन करने की बजाय, यूनियनबाजी क्यों की? एयर इंडिया ने अपनी फ्लाइट में बदसलूकी के लिए यदि सांसद को बैन कर भी दिया तो अन्य एयरलाइंस सामूहिक बैन की यूनियन बाजी कैसे कर सकती हैं? एयरइंडिया ने सांसद को बैन करने से पहले कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं जारी किया? एयर इंडिया ने बैन के निर्णय को लागू करने से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा डीजीसीए की पूर्व अनुमति क्यों नहीं ली जो सिक्योरिटी रुल्स 2011 के तहत जरूरी है?
एयरलाइन्स ने सांसद को बैन करने से पहले लोकसभा स्पीकर की मंजूरी क्यों नहीं ली? शिवसेना सांसद लोकसभा सत्र के लिए सरकारी कूपन का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र से दिल्ली आ रहे थे. सरकारी कूपन के बावजूद एयरलाइंस द्वारा सांसद को वापसी टिकट नहीं दिया जाना क्या लोकसभा की अवमानना नहीं है?
बदसलूकी के आधार पर देश के अधिकांश सांसद एयरलाइंस में बैन क्यों नहीं? वीडियो के अनुसार शिवसेना सांसद ने एयरइंडिया ड्यूटी मैनेजर को धमकी दी थी कि वह पुलिस एफआईआर से नहीं डरते, क्योंकि उनके खिलाफ पहले से अनेक मामले चल रहे हैं. एडीआर के आंकड़ों के अनुसार देश में 1258 विधायक और 186 सांसदों के खिलाफ बदसलूकी सहित अनेक आपराधिक मामले चल रहे हैं. गायकवाड़ की तर्ज़ पर एयरलाइंस क्या सभी आपराधिक विधायक सांसदों को यात्रा से प्रतिबंधित करेंगी?
एयरलाइन्स में बदसलूकी के बावजूद ट्रेन में सांसद को क्यों मिला वीआईपी ट्रीटमेंट? एयरलाइंस द्वारा बैन करने के बाद शिवसेना सांसद वीआईपी कोटे से ट्रेन टिकट लेकर पुणे गए? पूरे देश में मीडिया का तापमान बढ़ाने वाले सांसद महोदय को बीपी बढ़ने की तकलीफ हुई तो मथुरा स्टेशन पर ट्रेन को ज्यादा समय तक रोककर उनका विशेष मेडिकल चेकअप भी किया गया.
शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र का हिस्सा होने से सरकार की सामूहिक जवाबदेही- शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भागीदार है, इसलिए अपने रवींद्र गायकवाड़ की बदसलूकी से सरकार अपना पल्ला कैसे झाड़ सकती है? ऐसे मामलों में जबावदेही से बचने की जुगत और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बढती परंपरा से लोगों का जनप्रतिनिधियों से विश्वास कम होता जा रहा है.
दिल्ली में रेस्टोरेंट द्वारा आम जनता को शौचालय सुविधा देने का नियम कैसे लागू होगा? एयरलाइंस में टिकट लेकर यात्रा कर रहे यात्रियों को बैन करने के नियम को सही मानने पर देश में अराजकता फैल सकती है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने आम जनता को पांच रुपए में शौचालय सुविधा देने के लिए 3500 निजी होटल और रेस्टोरेंट्स को आदेश दिया है. दस्तावेजों की जांच परिचय पत्र और बदसलूकी के आधार पर निजी होटल बाहरी लोगों को यदि शौचालय सुविधा देने से इनकार कर दे तो सरकार अपने नियम को कैसे लागू करेगी?
देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में कैसे हो सुधार- क्राइम ब्रांच की लंबी जांच के बाद अदालत में एक और ट्रायल का बोझ बढ़ जाएगा पर रवींद्र गायकवाड़ जैसे लोग बेपरवाह आजाद घूमेंगे! न्यायिक व्यवस्था में सुधार करके कानून और अदालती प्रक्रिया को जब-तक सरल नहीं बनाया जाएगा तब तक जनता भयभीत और अपराधी बेखौफ घूमेंगे.
एयरलाइंस में बैन व्यक्ति को संसद और देश चलाने की इजाजत क्यों मिले? शिवसेना सांसद देश में पहले गौरवशाली व्यक्ति हो गए हैं, जिन्हें एयरलाइंस ने सामूहिक तौर पर बैन किया है. अभी हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट ने दो पूर्व सांसदों को सरकारी गेस्ट हाउस में रहने पर बैन लगा दिया है. लोकसभा स्पीकर ने संसद को स्कूल बताते हुए सांसदों से अनुशासित रहने की बात की थी. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लागू करते हुए क्या संसद में गायकवाड़ जैसे सभी आपराधिक सांसदों को बैन करके इस मामले का सही सबब नहीं लेना चाहिए?
विराग गुप्ता सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ हैं...
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This Article is From Mar 25, 2017
गायकवाड़ जैसे नेताओं को एयरलाइंस की बजाय संसद में बैन करें - 10 सवाल
Virag Gupta
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 25, 2017 17:52 pm IST
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Published On मार्च 25, 2017 13:59 pm IST
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Last Updated On मार्च 25, 2017 17:52 pm IST
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