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This Article is From Feb 20, 2015

शरद शर्मा की खरी खरी : यहां से आगे... अरविंद केजरीवाल

Sharad Sharma, Vivek Rastogi
  • Blogs,
  • Updated:
    फ़रवरी 20, 2015 18:02 pm IST
    • Published On फ़रवरी 20, 2015 16:39 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 20, 2015 18:02 pm IST

नई दिल्ली : दिल्ली और आम आदमी पार्टी कवर करने के नाते कुछ सवाल जो मेरे मन हैं, उनको पहले आपके सामने रखता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि ज़मीनी स्तर की पत्रकारिता करने वाले रिपोर्टर के मन में सवाल असल में उसके अपने नहीं, बल्कि आम जनता के होते हैं।

  • पहला सवाल - केजरीवाल बिना विभाग के मुख्यमंत्री क्यों बने...?
  • दूसरा सवाल - केजरीवाल अब यहां से आगे क्या करने वाले हैं...?
  • तीसरा सवाल - आखिर चल क्या रहा है अब केजरीवाल के मन में...?

दिल्ली का दिल जीतने वाले दिल्ली के सबसे लोकप्रिय नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बिना कोई मंत्रालय अपने पास रखे दिल्ली पर राज कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं हाल ही में उनसे मिलने गया था, अरविंद ने लाल रंग का स्वेटर पहना था, उन्हें देखते ही जब दुआ-सलाम हुई तो पहला ही वाक्य मेरे मुंह से अपने आप निकला, ''आप काफी फिट और एक्टिव दिख रहे हैं...'' अरविंद ने बोला, 'हां, अब अच्छा हूं...'

बातचीत में पता चला कि केजरीवाल अपने पास कोई मंत्रालय न रखकर काफी राहत महसूस कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब वह मुख्यमंत्री थे, तब रोज़ाना वह 200-250 फाइलों पर हस्ताक्षर करते थे, लेकिन इस बार कोई मंत्रालय नहीं है, इसलिए हस्ताक्षर करने वाले काम से आज़ादी मिलने की बदौलत वह अपना समय दूसरों कामों पर लगा रहे हैं।

अब सवाल यह है कि अरविंद केजरीवाल अब यहां से आगे क्या करने वाले हैं... यह वह सवाल है, जो मैं अरविंद केजरीवाल से न पूछ सकता हूं, न वह मुझे बताएंगे, क्योंकि पत्रकारिता में हर सवाल का जवाब सीधा नहीं मिलता और अगर सीधे जवाब आने लगे तो फिर पत्रकार की क्या महारत...? जवाब ढूंढने के लिए फिर एक पत्रकार अपने तजुर्बे का इस्तेमाल करता है और अपनी समझ के आधार पर अपनी राय और विचार बताता है।

अरविंद केजरीवाल ने पिछले एक साल में बहुत कुछ सीखा और उन्होंने एक बात समझी कि राजनीति कोई टी-20 क्रिकेट मैच नहीं है, यहां स्थिर दिखना भी ज़रूरी है और आगे बढ़ते दिखना भी, लेकिन बस भागते रहने को लोग पसंद नहीं करते।

केजरीवाल दिखाएंगे दिल्ली मॉडल
अरविंद केजरीवाल अब बिलकुल नरेंद्र मोदी की तरह काम करेंगे... मतलब यह कि जैसे मोदी ने दुनिया को गुजरात का विकास मॉडल दिखाया और उसके ही दम पर हिन्दुस्तान जीत लिया, उसी तरह अब केजरीवाल दिल्ली दिखाकर विकास का अपना मॉडल दिखाएंगे, और इसके लिए वह आजकल प्लानिंग करने में लगे हुए हैं और अगले कुछ महीनों में इस विचार की झलक चर्चा में आनी शुरू हो जाएगी।

अगला चुनाव पंजाब
वर्ष 2013 में दिल्ली में शानदार प्रदर्शन करने के बाद लोकसभा चुनाव में बड़े स्तर पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी बहुत बुरी तरह हार गई थी। इससे केजरीवाल और पार्टी समझ गए कि बाकी राज्यों या सारे देश में दिल्ली जैसी स्थिति नहीं है, कि वे जहां चाहें, चुनाव लड़ लें। क्योंकि अगर केवल कार्यकर्ताओं की स्थिति देखें तो दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का संगठन जितना मज़बूत था, उतना शायद किसी दूसरे चुनाव के लिए नहीं हो सकता, क्योंकि पार्टी का असली बेस ही दिल्ली है।

और बात यह भी है कि दिल्ली में प्रचार करने वाले कार्यकर्ता केवल दिल्ली के नहीं, बल्कि देश और विदेशों से भी आए थे और उनके मन में था कि लड़ाई पार्टी के अस्तित्व की है, इसलिए जोश और माहौल अलग था।

लेकिन अब पार्टी बनाई है तो चुनाव तो लड़ना ही होगा और पंजाब इकलौता ऐसा राज्य है, जहां से आम आदमी पार्टी के चार सांसद जीतकर आए थे, इसलिए करीब दो साल में होने जा रहे पंजाब चुनाव आम आदमी पार्टी का अगला लक्ष्य हो सकते हैं, हालांकि इस पर कोई फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिया जाएगा।

बने रहेंगे केजरीवाल
चर्चा इस बात की थी कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बनकर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के काम के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे और पार्टी के भीतर राष्ट्रीय संयोजक बनने के लिए दूसरे नेताओं ने तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन केजरीवाल के बिना विभाग के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह चर्चा खत्म हो गई, क्योंकि अब अरविंद के पास समय की कोई समस्या नहीं और इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बने रहने में कोई समस्या नहीं।

इसके अलावा सीधी-सी बात बताने वाली बात यह है कि अरविंद केजरीवाल अब बहुत बदल चुके हैं और किसी तरह की हड़बड़ी में नहीं हैं, सब कुछ आराम से करने के मूड में हैं, इसलिए जैसे दिल्ली ने बोला, 'पांच साल केजरीवाल', केजरीवाल से तुरंत कुछ उम्मीद करने वालों के लिए संदेश यही है, 'पांच साल केजरीवाल...'

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