इस बार का लोकसभा चुनाव युवाओं के लिए कई वादे लेकर आया था. चुनावी प्लेटफॉर्म पर नौकरी की रेल दोड़ा कर सरकार अपने कार्यकाल में एक बड़ी उपलब्धि जोड़ने की तैयारी में थी. लेकिन सरकार इसमें कितनी सफल रही ये सिर्फ रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले ढाई करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों को ही मालूम हैं. चुनाव से पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में 2 लाख से ज्यादा भर्तियां करने की घोषणा की. चुनाव से पहले 2 बड़ी भर्तियों के लिए विज्ञापन भी जारी किए गए. इसमें से एक भर्ती ग्रुप डी की है जिसके तहत 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती की जानी है. वहीं, दूसरी भर्ती के तहत एनटीपीसी यानी नॉन टेक्नीकल पॉप्युलर कैटेगरी के 35 हजार पदों को भरा जाना है. इन दोनों भर्तियों के लिए ढाई करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन कर रखा है. रेलवे में इतनी बड़ी वैकेंसी सालों में एक बार ही आती है, ऐसे में 10वीं और 12वीं पास बेरोजगार युवाओं के लिए यह एक सुनहरा मौका था.
लेकिन अगर उन्हें यह मालूम होता कि आवेदन करने के 1 साल बात तक रेलवे इन भर्ती परीक्षाओं की तारीख तक जारी नहीं कर पाएगा तो शायद वे आवेदन ही न करते. इन युवाओं का सरकारी नौकरी का सपना अब मात्र सपना भर रह गया है. ये रोज पीयूष गोयल जी, पीएमओ और न जाने किसे-किसे टैग करके ट्वीट करते हैं, ट्विटर पर रोज सरकार से गुहार लगाते हैं. 1 साल से परीक्षा की तारीख का इंतजार कर रहे युवाओं की आवाज सरकार के कानों तक कैसे पहुंचे ये भी सोचने वाला मुद्दा है. ये उम्मीदवार ऐसा क्या करें कि सरकार इनकी भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाए? क्या इन्हें भी शाहीन बाग में हो रहे धरने के जैसा कुछ करने की जरूरत है? पिछले 1 साल में जो सरकार 2 भर्ती परीक्षाओं की तारीखें जारी नहीं कर सकी उसने कई बड़े मुद्दे एक साल में निपटाएं हैं. पिछले 1 साल में सरकार ने आर्टिकल 370 हटाया फिर सीएए कानून लाई.
सोचने वाली बात ये है कि इतने बड़े फैसले लेने वाली सरकार 2 भर्ती परीक्षाओं की तारीख पर मुहर न लगा सकी या सरकार के लिए सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दे ही ज्यादा महत्वपूर्ण हैं? रेलवे ने पिछले साल 28 फरवरी की तारीख को एनटीपीसी का विज्ञापन जारी किया था. शुक्रवार को उम्मीदवारों ने एनटीपीसी भर्ती की एनिवर्सरी मनाई. हजारों उम्मीदवारों ने मिलकर #NTPC2019 ट्रेंड कराया. इन्हें उम्मीद है कि इनके वोट से चुनी गई सरकार कभी न कभी इनकी जरूर सुनेगी और 500 रुपये (जनरल के लिए) का फॉर्म बर्बाद नहीं जाएगा. लेकिन आखिर एक भर्ती में इतना समय क्यों लग रहा है? रेलवे ने पिछले साल अक्टूबर में एनटीपीसी परीक्षा के संबंध में आखिरी बार नोटिस जारी किया था. इस नोटिस के मुताबिक रेलवे भर्ती परीक्षा कराने के लिए एक एजेंसी की तलाश कर रही है और इसीलिए परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है.
बता दें कि भर्ती के विज्ञापन में परीक्षा जून से सितंबर के बीच कराने की बात कही गई थी. मैने समय-समय पर रेलवे के अधिकारियों से भर्ती का अपडेट लिया, नाम न लेने की शर्त पर हमें ये जानकारी मिली कि एजेंसी के चुनाव पर काम हो रहा है और भर्ती परीक्षा जल्द ही होगी. लेकिन जल्द-जल्द करते-करते यू हीं महीनों बीत गए. एनटीपीसी के अलावा ग्रुप डी वाले भी परीक्षा की तारीख के इंतजार में हैं और इस भर्ती परीक्षा का भी कोई पता नहीं है. ग्रुप डी के तहत 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती होनी है और यह देश ही नहीं जहां तक दुनिया की भी सबसे बड़ी भर्ती है. लेकिन चुनावी प्लेटफॉर्म पर निकली नौकरी की रेल अब दिखाई नहीं दे रही है.
ऐसे में देश के युवाओं से आप क्या बनने की उम्मीद कर सकते हैं? इन करोड़ों युवाओं के साथ मैं (जिसने इस भर्ती के लिए आवेदन नहीं किया है) बस सरकार से इतना निवेदन करना चाहता हूं कि जितना ध्यान आपने आर्टिकल 370 हटाने और सीएए को लागू करने पर दिया उतना ही हमें नौकरी दिलाने में भी दिया जाए. वरना हम बेरोजगार युवाओं के साथ देश को 5 ट्रिलयन की इकोनॉमी बनाने का आपका सपना महज एक सपना ही रह जाएगा.
- अर्चित गुप्ता एनडीटीवी खबर में सब-एडिटर हैं.
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